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KMP एक्सप्रेस-वे की सड़कों में बने गड्डे, 8 महीने पहले PM मोदी ने किया था उद्घाटन

केएमपी की ना सिर्फ सड़कें बदहाल हैं, बल्कि रात के समय यहां ना तो लाइट का बंदोबस्त है और ना ही पीने के पानी की व्यवस्था. यहां तक कि कुंडली से मानेसर तक कोई पेट्रोल पंप भी नहीं हैं. अब सवाल यह उठता है कि अगर यह एक्सप्रेस-वे अगर पूरी तरह से तैयार ही नहीं था तो इसका उद्घाटन करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई.

KMP एक्सप्रेस-वे की सड़कों में बने गड्डे

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Published : Aug 2, 2019, 5:43 PM IST

झज्जर: हरियाणा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले केएमपी यानी कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. पहले मानसून में ही एक्सप्रेस-वे की सड़कें कई जगह धंस गई है और टूटकर बदहाल हो चुकी हैं. जिसके चलते इन पर गाड़ी दौड़ाना तो क्या, आराम से चलकर निकलना भी मुश्किल हो रहा है.

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पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन

तकरीबन साढ़े अठाईस सौ करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुए इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2018 को किया था, लेकिन उद्घाटन के महज 8 महीने बाद ही इसकी सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं. जबकि यहां से गुजरने वाले वाहनों से काफी बड़ी राशि टोल टैक्स के रूप में वसूली जा रही है, जिसका लोग विरोध कर रहे हैं.

केएमपी एक्सप्रेस-वे पर खर्च हुए 2788 करोड़ रुपए

केएमपी एक्सप्रेस-वे 2846 एकड़ में बनाया गया है. इस पर करीब 2788 करोड़ रुपए खर्च हुए. ये एनएच 1, एनएच 10 और एनएच 2 के दायरे में आने वाले कई शहरों को अलग-अलग स्थानों पर जोड़ता है. कुल मिलाकर देखें तो केएमपी एक्सप्रेस-वे 135.6 किलोमीटर लंबा है. इसे बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर यानी बी.ओ.टी प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है. ये हरियाणा के पांच जिलों से कनेक्ट होता है. ये हैं सोनीपत, गुरुग्राम या गुड़गांव, पलवल, मेवात और झज्जर. अगर इसमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को भी शामिल कर लें तो, कुल दूरी 270 किलोमीटर हो जाती है. देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा को इससे बेहद फायदा होना था, लेकिन केएमपी एक्सप्रेस-वे की सड़कें बनाने में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है. जिसके चलते ये सड़कें बिल्कुल टूट चुकी हैं और इनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है.

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टूटी सड़कें हादसों को दे रही हैं न्योता

वैसे तो केएमपी पर हल्के वाहनों के लिए निर्धारित गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा और हैवी कमर्शियल वाहनों के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है, लेकिन सड़कें बदहाल होने के कारण वाहनों की स्पीड पर लगाम लगी हुई है. अगर कोई वाहन चालक जल्दबाजी करता है तो इसका खामियाजा भी उसे भुगतना पड़ता है. क्योंकि सड़क पर बीचो-बीच आने वाले गड्ढे और टूटी सड़कें हादसों को न्योता दे रहे हैं. आए दिन केएमपी एक्सप्रेस-वे पर हादसों में लोग घायल भी हो रहे हैं और कई अपनी जान भी गवां चुके हैं, लेकिन ना तो सरकार और ना ही संबंधित विभाग इस ओर कोई ध्यान दे रहा है. केएमपी एक्सप्रेस-वे पर कुल 117 अंडरपास बनाए हैं. 4 आरओबी बनाये गए हैं. ये अंडरपास और आरओबी इस एक्सप्रेस वे की खासियत नहीं बल्कि सबसे बड़ी कमजोरी हैं. जहां-जहां अंडरपास और आरओबी बनाए गए हैं. वहां पर सड़क को ठीक ढंग से जोड़ा नहीं गया है जिसके कारण वाहन चालकों को सड़क पर उद्घाटन के समय से ही 121 गड्ढे और जंप तोहफे के रूप में मिले हैं. जिससे काफी हादसे भी हो चुके हैं.

कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस नेता सतपाल राठी का कहना है कि इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन जल्दबाजी में किया गया था. यहां घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है. इसलिए ही ये पहले मानसून की बरसात भी नहीं झेल पाया. इसकी उच्च स्तरीय जांच किये जाने की मांग उनकी तरफ से की गई है. हरियाणा महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने केएमपी एक्सप्रेस-वे का दौरा करने के बाद सरकार से इसे जल्द दुरुस्त करने की मांग की है. ताकि टूटी हुई सड़कों के कारण होने वाले हादसों में कमी आए और टोल के रूप में दिए गए पैसे का सदुपयोग भी हो सके. नीना राठी का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही सड़क को दुरुस्त नहीं किया तो वे टोल के सामने प्रदर्शन करेंगे और किसी को भी केएमपी पर टोल नहीं वसूलने देंगे.

KMP एक्सप्रेस-वे की सड़कों में बने गड्डे

वसूला जाता है टोल, पर सहुलियत नहीं

एचएसआईआईडीसी की तरफ से जो टोल टैक्स की रेट लिस्ट जारी की गई कि उसमें कार, जीप व वैन चालक को 1 रुपए 35 पैसे प्रति किलोमीटर, लाइट कर्मिशियल वाहन को 2 रुपए 18 पैसे प्रति किलोमीटर, ट्रक व बस को 4 रुपए 57 पैसे प्रति किलोमीटर, मल्टी एक्सल व्हीकल्स के 4 रुपए 98 पैसे प्रति किलोमीटर, 4-6 एक्सल व्हीकल्स वाहन को 7 रुपए 15 पैसे प्रति किलोमीटर व 7 एक्सल से बड़े वाहन चालकों को 8 रुपए 72 पैसे के हिसाब से टोल टैक्स की अदायगी करनी होती है. वाहन चालक अपनी जेब से यह टोल भर रहे हैं, लेकिन सहूलियत के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं मिलता. प्रदेश की बीजेपी सरकार इस एक्सप्रेस-वे को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिनती है, लेकिन स्थानीय निवासी और इस सड़क का उपयोग करने वाले लोग इसकी हालत से परेशान हैं.

लाइट का बंदोबस्त नहीं

केएमपी की ना सिर्फ सड़के बदहाल हैं, बल्कि रात के समय यहां ना तो लाइट का बंदोबस्त है और ना ही पीने के पानी की व्यवस्था. यहां तक कि कुंडली से मानेसर तक कोई पेट्रोल पंप भी नहीं हैं. अब सवाल यह उठता है कि अगर यह एक्सप्रेस-वे अगर पूरी तरह से तैयार ही नहीं था तो इसका उद्घाटन करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई.

बहादुरगढ़ से विधायक नरेश कौशिक से इस संबंध में बात की गई. तो उन्होंने कहा कि वे संबंधित विभाग और केएमपी का निर्माण करने वाली कंपनी को पत्र लिखकर इसे दुरुस्त करवाने के लिए कहेंगे और सीएम के दरबार में भी इस मुद्दे को पहुंचाया जाएगा. वहीं केएमपी के बहादुरगढ़ टोल मैनेजर हिमांशु शर्मा का कहना है कि टोल की सड़कों की रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है और जल्द ही इन सड़कों को दोबारा दुरुस्त कर दिया जाएगा.

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