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टिकरी-गाजीपुर बॉर्डर पर सरहद से भी ज्यादा टाइट सिक्योरिटी, बिछाए गए नुकीले सरिये

अब भी दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. ऐसे में किसानों को टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा किसानों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. किसानों के ट्रैक्टर और व्हीकल दिल्ली में एंट्री न कर सकें इसके लिए सड़क पर नुकीले सरिये सड़क में लगा दिए गए हैं.

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टिकरी-गाजीपुर बॉर्डर पर सरहद से भी ज्यादा टाइट सिक्योरिटी

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Published : Feb 2, 2021, 8:46 AM IST

झज्जर/नई दिल्ली:टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. किसानों के ट्रैक्टर और व्हीकल दिल्ली में एंट्री न कर सकें, इसके लिए सड़क पर नुकीले लोहे के सरिये सड़क में लगा दिए गए हैं. टीकरी बॉर्डर पर आठ लेयर में सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इस सुरक्षा में लोहे के बैरिकेड्स, सीमेंट, आयरन के ब्लॉक, पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान शामिल हैं.

अगर बात टिकरी बॉर्डर की करें तो वहां सड़क के ऊपर कंक्रीट की सड़क दोबारा से बनाकर उसमें इस तरह के नुकीले सरिए लगाए जा रहे हैं कि उसे किसी गाड़ी के पहिए तो दूर की बात पैदल इंसान भी नहीं निकल सकता. किसानों के मंच के ठीक पीछे से ये काम शुरू किया गया है और अभी भी इसका निर्माण कार्य जारी है.

टिकरी-गाजीपुर बॉर्डर पर सरहद से भी ज्यादा टाइट सिक्योरिटी

गाड़ियां क्या पैदल भी नहीं कर सकते पार
लंबी दूरी तक इस तरह के नुकीले सरिये बिछाए जा रहे हैं और इंतजाम इतने सख्त हो गए हैं कि कोई पैदल भी टिकरी बॉर्डर को पार करके नहीं आ सकता और न ही दिल्ली से उस रास्ते बाहर जा सकता है.

गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह सील

इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर पर भी हर नए दिन के साथ लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा से भी बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंच रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है. सोमवार को दिल्ली-मेरठ हाइवे से किसी को भी बॉर्डर की ओर नहीं आने दिया गया. इससे यातायात ठप हो गया है और लोगों को घंटो जाम से जूझना पड़ा.

कहीं न कहीं तैयारियों को देखकर लग रहा है कि अब भी किसान और सरकार के बीच में सुलहनामा होता नजर नहीं आ रहा है. तैयारियां लंबे वक्त के लिए होती हुई नजर आ रही हैं. इस पूरे मामले पर मौके पर आए पुलिस अधिकारियों ने बोलने से मना कर दिया, लेकिन अनुमान यही है कि मौजूदा संसद सत्र को देखते हुए सरकार ये सावधानी बरत रही है कि कहीं अचानक से किसान संसद घेराव जैसी या दोबारा से दिल्ली में घुसने की योजना न बना लें.

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वहीं किसानों का बार-बार यही कहना है कि वे अनुशासन में रहेंगे और दिल्ली में घुसने का उनका कोई इरादा नहीं है. पहले दिल्ली में घुसने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा किसान आंदोलन की छवि खराब हुई, इसलिए वो इस तरह का कदम नहीं उठाएंगे. फिर भी एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस इस तरह के इंतजाम कर रही है.

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