झज्जरः मेडिकल कॉलेज झज्जर और छात्र-छात्राओं के बीच चल रहे विवाद के मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का बयान का सामने आया है. अनिल विज ने कहा कि वो एक प्राइवेट कॉलेज है, लेकिन फिर भी सरकार होने के नाते हमने एसीएस मेडिकल को जांच के निर्देश दिए थे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने आदेश दिए थे कि अधिकारी वहां जाकर जांच पड़ताल करें और इसकी जानकारी दे. वहीं मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई से पल्ला झाड़ते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्राइवेट कॉलेज होने के नाते किसी भी प्रकार की कार्रवाई तो मेडिकल कॉलेज की मैनेजमेंट ही कर सकती है.
ये है मामला
आपको बता दें कि झज्जर के गुरावड़ा स्थित वर्ल्ड कॉलेज की मान्यता रद्द करने का फरमान जारी किया था. इसके अलावा एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्रों ने संस्थान पर लापरवाही के आरोप लगाए थे. संस्थान की ओर से उनको पढ़ाने के लिए न प्रोफेसर हैं और न ही लैब. इस मामले में डीसी झज्जर दोनों पक्षों को सुन चुके हैं मगर नतीजा अभी तक शून्य है. जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने इस मामले में राष्टृपति, प्रधानमंत्री, सीजेआई और सीएम हरियाणा को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु तक की मांग की थी.
केंद्रीय गृहमंत्री के आवास के सामने किया प्रदर्शन
छात्र-छात्राओं ने बीते दिनों धरना-प्रदर्शन भी किया था. यही नहीं छात्रों ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर धरना शुरू कर दिया था. उनकी मांग है कि उनके कॉलेज की मान्यता न रद्द की जाए. धरने पर बैठे छात्रों ने बताया कि हरियाणा सरकार ने पत्र जारी कर विद्यार्थियों की जिम्मेदारी लेने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. छात्रों ने कहा कि सरकार बच्चों के भविष्य की बजाए कॉलेज को बचाने में जुटी हुई है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज के करीब 148 विद्यार्थियों ने दिल्ली में धरना दिया था.
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