झज्जर:नए कृषि कानून लागू होने के बाद से सरकार अनेक दावे कर रही है. हरियाणा सरकार का दावा है कि अब मंडियों में किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
दरअसल, जब झज्जर की अनाज मंडी में ईटीवी भारत की टीम ने दौरा किया को वहां किसान और आढ़ती परेशान दिखे. किसानों और आढ़तियों ने ईटीवी भारत के सामने जो समस्याएं रखीं वो हैरान करने वाली थी. सरकार और प्रशासन के दावे खोखले साबित दिखाई दिए. यहां तक कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए भी जो दावे किए जा रहे थे उन पर भी सवाल खड़े करते किसान नजर आए.
ऑनलाइन प्रकिया से जूझते किसान
किसानों का कहना था कि सरकार ने जो ऑनलाइन प्रणाली लागू की है उस प्रणाली से किसान केवल परेशान हुआ है. कोई सुविधा ऑनलाइन प्रक्रिया से नहीं मिली है. आज किसान अपना बाजरा बेचने के लिए मंडियों में जाता है तो उसे ऑनलाइन प्रकिया से गुजरना होता है, लेकिन उसे बहुत सारी समस्याओं से गुजरना पड़ता है. रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद भी किसानों को समय पर पेमेंट नहीं मिलती. जबकि सरकार दावा करती है कि किसानों की फसल खरीदने के बाद ही उनके बैंक खातों में पैसा भेज दिया जाता है.