झज्जर: हरियाणा के झज्जर जिले में बने मिट्टी के दीये दिवाली की रात को महाराष्ट्र और गुजरात के कई शहरों को रोशन करेंगे. यहां के कुम्हारों द्वारा बनाए गए दीये महाराष्ट्र के मुंबई जैसे बड़े महानगर में बेहद पसंद किए जाते हैं. जानकारी के अनुसार झज्जर जिले से हर साल करीब 2 करोड़ मिट्टी के दीये महाराष्ट्र और गुजरात भेजे जाते हैं. इस साल भी अभी तक करीब 15 ट्रक दीये भेजे जा चुके हैं. प्रत्येक ट्रक में करीब 5 लाख दीये आते हैं.
मुंबई में मिट्टी के दीयों की डिमांड: जानकारी के अनुसार झज्जर के कुम्हार पिछली कई पीढ़ियां से दिए बनाकर बड़े-बड़े शहरों में भेजते हैं. ताकि वहां दिवाली पर लोग अपने घरों को रोशन कर सकें. भले ही दिवाली जैसे त्योहार में पारंपरिक मिट्टी के दीयों को चीन की सस्ती लाइटों से कड़ी स्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही फैक्ट्री निर्मित प्लास्टर ऑफ पेरिस के दीये भी इन्हें टक्कर देते हैं, बावजूद इसके मुंबई में मिट्टी के दीयों का क्रेज अभी भी कम नहीं हुआ है. इसी के चलते मुंबई के लगभग 40 थोक विक्रेता पिछले 15 वर्षों से भी अधिक समय से हरियाणा के झज्जर जिले से मिट्टी के दीये ऑर्डर देकर खरीद रहे हैं. हर साल इनकी मांग में पांच से 10 फीसदी की वृद्धि भी होती रहती है.
दीया तैयार करने में जुटा 100 परिवार: कुंभकारों के अनुसार, ना सिर्फ हरियाणा का झज्जर जिला बल्कि रोहतक जिले के कुम्हारों के भी लगभग 100 परिवार बड़े महानगरों की थोक आपूर्ति को पूरा करने के लिए साल भर दीये बनाते हैं. कुम्हारों का कहना है कि 2 करोड़ दिये बनाना बड़ी मेहनत का काम है और कोई एक परिवार इस काम को नहीं कर सकता. इसलिए अलग-अलग गांव के कुम्हारों के परिवार दीये बनाते हैं और झज्जर से यह दिए गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों में भेजे जाते हैं.