नई दिल्ली: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि उन्हें झज्जर में इंफोसिस फाउंडेशन के विश्राम सदन के उद्घाटन में शामिल नहीं हुए, क्योंकि उन्हें कार्यक्रम के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला. दीपेंद्र कहते हुए कि उनकी आवाज को इस तरह 'कुचला' नहीं जा सकता है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, 'ऐसा दो बार हो चुका है. इससे पहले भी झज्जर एम्स में एक समारोह हुआ था. जब एम्स के लिए आधारशिला रखी गई थी तब यूपीए शासन के तहत 2009 में 11 संस्थानों को मंजूरी दी गई थी. उनमें से एक, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान वहां आया. मेरा दिल दुखता है कि प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए, मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई, मुझे आमंत्रित तक नहीं किया गया.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हरियाणा के झज्जर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के झज्जर परिसर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में इंफोसिस विश्राम सदन का उद्घाटन किया. यह भारत में वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक की उपलब्धि हासिल करने के अवसर पर किया गया है. हुड्डा ने कहा, 'मैं अपने देशवासियों, लाखों डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सभी सरकारों, राजनीतिक दलों, संगठनों को बधाई देना चाहता हूं, जो एक साथ आए, जिसकी वजह से ये मील के पत्थर हासिल हुए. कोई भी हमारे देशवासियों से उस क्रेडिट को नहीं चुरा सकता है.'