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बहादुरगढ़ नगर परिषद को लगा 88 लाख का चूना, जानें कैसे लगा फ्रॉड का पता

आरोपी जिस बैंक में चैक क्लीयर कराने के लिए लगाया जाता है. वो बैंक उस बैंक की क्लीयरिंग शाखा में चैक भेजता है जिसमें सम्बंधित खाता होता है. फिर क्लीयरिंग शाखा उस शाखा से क्लीयरिंग सम्बंधित बात करता है जहां पर मूल रूप से खाता खोला गया है.

Bahadurgarh Municipal Council loses 88 lakhs, know how fraud was detected
बहादुरगढ़ नगर परिषद को लगा 88 लाख का चूना

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Published : Aug 29, 2020, 8:53 PM IST

बहादुरगढ़:बहादुरगढ़ नगर परिषद को 88 लाख 68 हजार रुपये का चूना लग गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से 8 अलग-अलग चेकों के जरिए 88 लाख 68 हजार रुपये निकाल लिए गए. बिहार के रहने वाले किसी राम आसरे नाम के व्यक्ति ने चेक के जरिए ये पैसे निकलवाए हैं.

बताया जा रहा है कि आरोपी ने दिल्ली ब्रांच के पंजाब नेशनल बैंक से चेक क्लियर करवाए गए. बहादुरगढ़ की आईडीबीआई बैंक में नगर परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना का खाता खुलवाया हुआ है. वहीं नगर परिषद फंड के खाते से भी चेक का क्लोन बनाकर 9 लाख 93 हजार रुपये निकाल लिए. परिषद के अधिकारियों को जब इसकी भनक लगी तो एक्सिस बैंक ने 9 लाख 93 हजार रुपये नगर परिषद के खाते में ट्रांसफर कर दिए.

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मामले में दर्ज हुई शिकायत

नगर परिषद चेयरपर्सन ने बताया कि बिहार के राम आसरे के नाम से ये चेक दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में लगाए गए. पीएनबी बैंक की क्लियरिंग शाखा ने एक चेक जिसमें कटिंग थी, उसको भी क्लियर कर दिया. नगर परिषद के अधिकारी जब आईडीबीआई बैंक में खाते की डिटेल निकलवाने गए, तब इस मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

चैक क्लीयर करवाने का सैट है पैटर्न

बैंकों से चैक क्लीयर कराने का एक सैट पैटर्न है. जिस बैंक में चैक क्लीयर कराने के लिए लगाया जाता है. वो बैंक उस बैंक की क्लीयरिंग शाखा में चैक भेजता है जिसमें सम्बंधित खाता होता है. फिर क्लीयरिंग शाखा उस शाखा से क्लीयरिंग सम्बंधित बात करता है जहां पर मूल रूप से खाता खोला गया है. इस हिसाब से दिल्ली की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा और फिर आईडीबीआई की क्लीयरिंग शाखा और बहादुरगढ़ की आईडीबीआई ब्रांच इस पूरे फ्रॉड में कहीं न कहीं मिली हुई है.

कई एंगल से जांच कर रही है पुलिस

अब ये मिलीभगत एक प्वांईट पर है या फिर तीनों प्वाईंट्स पर इसकी जांच पुलिस कर रही है, लेकिन समय रहते नगर परिषद ने कार्यवाही शुरू कर दी नहीं तो शातिर फ्रॉड म्यूनिसिपल फंड से भी करीब 50-60 लाख रुपये निकाल लेता.

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