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बिरधाना के 400 साल पुराने शिव मंदिर का होगा नवनिर्माण, गीता भुक्कल ने रखी नींव - शिव मंदिर भूमि पूजन बिरधाना गांव झज्जर

झज्जर के बिरधाना गांव में 400 साल पुराने शिव मंदिर के नवनिर्माण के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक गीता भुक्कल ने भूमि पूजन कर नींव रखी.

400 years old shiva temple will be renovated in birdhana village of jhajjar
एक करोड़ से अधिक की लागत से बनेगा बिरधाना का 400 साल पुराना शिव मंदिर

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Published : Aug 5, 2020, 6:24 PM IST

झज्जर:जिस वक्त अयोध्या में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम कर रहे थे. उसी समय झज्जर जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव बिरधाना में 400 साल पुराने ऐतिहासिक शिव मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम किया गया. जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री हरियाणा सरकार एवं वर्तमान विधायक गीता भुक्कल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए भूमि पूजन कार्य किया व नींव रखी.

111 फीट ऊंचा बनेगा मंदिर

मौके पर उपस्थित सभी ग्रामवासियों एवं मंदिर निर्माण कमेटी ने प्रसाद वितरित करते हुए 400 वर्ष पुराने ऐतिहासिक मंदिर के पुनर्निर्माण पर खुशी जताई. ग्राम वासियों ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण कार्य में एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी और हरियाणा ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के लिए भी यह मंदिर एक दर्शनीय स्थल के रूप में जाना जाएगा.

मंदिर के महंत गीतानंद गिरि के अनुसार बनने वाले मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फुट होगी. मंदिर कमेटी ने इसके लिए बैंक में खाता भी खुलवा दिया है. इस मंदिर के नव निर्माण कार्य के लिए चंदा एकत्रित कर इसके पुनर्निर्माण की सारी औपचारिकाएं पूरी कर ली गई हैं.

यहां शिवलिंग पाए जाने की मान्यता

बता दें कि, बिरधाना गांव में स्थित यह मंदिर एक बड़ा इतिहास अपने अंदर समेटे हुए है. ग्राम वासियों की मान्यता है कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले चार शिवलिंग में से एक शिवलिंग यहां पर पाया गया था. पुराने समय के लोग बताते हैं कि पहले जब महिलाएं पशुओं के लिए चारा लेने खेत में जाती थी. तो सैकड़ों वर्ष पुराना यह शिवलिंग पाया गया था.

बताया जाता है कि कई बार महिलाएं अपनी दरांति और खुरपी जैसे औजारों को धारदार करने के लिए शिवलिंग पर रगड़ कर उन्हें पैना करती थी. एक बार जब शिवलिंग में से खून निकलने लगा, तो उन्हें इसकी दैवीय शक्ति का एहसास हुआ. उसके पश्चात लगातार इस शिवलिंग की पूजा ग्रामवासी करते आ रहे हैं और प्रति शिवरात्रि पर गांव से ही नहीं बल्कि बाहर के लोग भी आकर यहां पूजा करते हैं.

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