झज्जर: झज्जर जिले के बेरी, बहादुरगढ़ और झज्जर के अलावा कई सीएचसी और पीएचसी में कार्यरत स्टॉफ कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया है. इनमें कई अनुबंधित कर्मचारी तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी सेवाएं देते हुए दस-दस साल भी हो गए हैं. लेकिन इसी महीने आउटसोर्सिंग का नया टेंडर होने के चलते इनमें से काफी कर्मचारियों को ये कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है कि उनकी अब सेवाओं की जरूरत नहीं हैं.
इस फरमान से नाराज नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों में से कुछ ने बेरी के सरकारी अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना दिया. वहीं झज्जर के हटाए गए कर्मचारियों ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कही है, हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि नई फर्म का ठेका इसी एक अप्रैल से शुरू हुआ है, लेकिन नई फर्म के कारिंदों ने अपने स्तर पर पूरे जिले में कर्मचारियों को हटा दिया है.
आरोप है कि कई कर्मचारियों को परेशान करने के लिए इधर-उधर तबादला भी किया है, आरोप ये भी है कि सम्बंधित फर्म के कारिंदे चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के नाम पर चालीस हजार और कम्पयूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत कर्मचारी के लिए 80 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं. ठेकेदार ने 200 में से 35 स्वास्थ्य कर्मचारियों को निकाला है. इनमें कंप्यूटर ऑपरेटर, फॉर्मासिस्ट और सफाई कर्मचारी शामिल हैं.
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सिविल सर्जन डॉक्टर संजय दहिया का कहना है कि आऊट सोर्सिंग को नया टेंडर गुजरात की किसी फर्म ने लिया है. अप्रैल माह से नया टेंडर शुरू हो गया है. फर्म को देखना है कि वो अपना काम किस तरह से चलाती है, लेकिन हमारा प्रयास यही है कि किसी का रोजगार ना छिने, रिजर्वेशन पॉलिसी जो होगी उसे हर हाल में लागू कराया जाएगा. मामला उनके संज्ञान में है. जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है.