हिसार: भारत में कपास की खेती हड़प्पा काल से हो रही है. ऋग्वेद में भी कपास का जिक्र किया गया है. कहा जाता है कि भारत के कपास की यूनान में काफी मांग थी. वर्तमान समय में भी भारत कपास उत्पादन के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है. वहीं भारत में हरियाणा शीर्ष कपास उत्पादक राज्यों में शामिल है, लेकिन इस साल कपास को लेकर हरियाणा के किसान चिंतित हैं.पहले कोरोना उसके बाद टिड्डी दल का हमला और अब सफेद मक्खी के प्रकोप से किसानों की खड़ी फसलें खराब हो चुकी हैं.
कपास की खराब हुई फसलों को लेकर जब हमारी टीम हिसार के किसानों से मिली तो. किसानों ने बताया कि सफेद मक्खियों और झुलसा रोग से कपास की खड़ी फसल बर्बाद हो गई हैं. वे अपनी फसलों को बचाने के लिए दिन-रात दवाईयों का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है.
किसान मनोज टाक, लीलू पवार ने बताया कि कपास की फसल टेला चेपा और सफेद मक्खी की चपेट में आ गए हैं. हिसार और आस पास के जिलों में हजारों एकड़ कपास की फसलें रोग लगने से नष्ट हो गई है. उन्होंने बताया कि पिछले 20 दिनों से अचानक कपास की फसल रोग के चलते जल कर नष्ट हो गई है. इसलिए उनकी मांग है कि सरकार उनकी खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी कराकर मुआवजा दे.