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Well Accident in Hisar: 80 घंटे की खुदाई के बाद मिला किसान का शव, जानें रेस्क्यू ऑपरेशन के पल-पल का अपडेट - कुआं हादसा स्याहड़वा गांव हिसार

हिसार के स्याहड़वा गांव में मिट्टी गिरने से कुएं (well accident in hisar) में दबे किसान जयपाल का शव निकाल लिया गया है. सर्च ऑपरेशन के चौथे दिन जयपाल का शव मिला है. इस हादसे में दो किसान मिट्टी के नीचे दब गए थे. दोनों की शव मिल चुका है.

well accident in hisar
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Published : May 25, 2022, 8:57 PM IST

हिसार: बुधवार को हिसार के स्याहड़वा गांव में मिट्टी गिरने से कुएं (well accident in hisar) में दबे किसान जयपाल का शव निकाल लिया गया है. 80 घंटे की खुदाई के बाद किसान जयपाल के शव को निकाला जा सका है. जयपाल के शव को हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. किसान जयपाल का शव निकालने के लिए तीन दिन सर्च ऑपरेशन जारी रहा. सर्च ऑपरेशन के चौथे दिन जयपाल का शव मिला है. इस हादसे में दो किसान मिट्टी के नीचे दब गए थे.

कुएं में दबे दो व्यक्तियों में से जगदीश का शव सोमवार सुबह निकाल लिया गया था. सेना और एनडीआरएफ (national disaster response force) के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार सुबह लगभग साढ़े चार बजे शव को बरामद किया. वहीं दूसरे किसान जयपाल का शव आज चौथे दिन मिला है. चार दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में खराब मौसम और रेतीली मिट्टी कई बार बाधा बनी. रेतीली होने की वजह से मिट्टी बार-बार खिसक रही थी. जिसकी वजह से रेस्क्यू का काम कई बार रोकना पड़ा.

रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद जानें एनडीआरएफ की टीम के इंचार्ज ने क्या कहा.

रेस्क्यू ऑपरेशन (search operation in well accident hisar) के दौरान कुल चार बार मिट्टी खिसकी. जिसमें रेस्क्यू कर रहे जवान भी धंस गए. सुरक्षा उपकरणों की वजह से जवानों को मिट्टी के नीचे से निकाला गया. मिट्टी के बार-बार धंसने से खुदाई का काम बढ़ता गया. रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन योजना में बदलाव किया गया. मशीन की जगह बाल्टियों के जरिए मिट्टी को बाहर निकाला गया. जिससे काम में देरी तो हुई, लेकिन सटीक तरीके से हो सका.

घटना के बाद ऐसे चला रेस्क्यू अभियान: ये घटना 22 मई सुबह 7 बजे घटी. जयपाल और जगदीश खेत में बने एक गहरे कुएं में किसी काम से उतरे थे. दो-तीन व्यक्ति कुएं के ऊपर ही मौजूद थे. दोनों 40 फुट नीचे कुएं में काम कर ही रहे थे कि कुएं की मिट्टी धंस गई. जिसके चलते जयपाल और जगदीश मिट्टी के नीचे दब गए. कुएं के ऊपर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे. पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. जब कामयाबी नहीं मिली तो सेना और एनडीआरएफ ने बुलाया.

रेतीली मिट्टी होने की वजह से कई बार काम को रोकना भी पड़ा.

22 मई, रविवार सुबह 8 बजे के करीब जयपाल और जगदीश को बचाने का काम शुरु हुआ. दोपहर 1 बजे प्रशासन के बुलावे पर आर्मी की बचाव टीम पहुंची. शाम 5 बजे एनडीआरएफ की 18 सदस्यीय टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. रात 9 बजे आंधी, बारिश और खराब मौसम की वजह से काम रोकना पड़ा.

23 मई, सोमवार की सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. सुबह 3 बजे के करीब किसान जगदीश का शव बचाव टीम को दिखा. सुबह 4:37 पर जगदीश की डेडबॉडी को बाहर निकाला गया. अभी एक और किसान जयपाल मिट्टी में दबा था. सुबह 8 बजे एक बार फिर कुएं में मिट्टी गिर गई. रेतीली होने की वजह से कुएं में मिट्टी 15 फीट तक भर गई. जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ देर रुका. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शाम 6 बजे तक जारी रहा. शाम 6.30 बजे एक बार फिर से कुएं में मिट्टी गिर गई. जिसमें बचाव दल का सदस्य मिट्टी में धंस गया. काम को बीच में रोककर बचाव दल के सदस्य का रेस्क्यू किया गया. इसके बाद फिर रात 10 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया.

सर्च ऑपरेशन के चौथे दिन जयपाल का शव मिला है. इस हादसे में दो किसान मिट्टी के नीचे दब गए थे.

24 मई, मंगलवार रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन योजना में थोड़ा बदलाव किया गया. रेतीली मिट्टी होने की वजह से बार-बार मिट्टी कुएं में गिर रही थी. जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो रही थी. रेस्क्यू टीम ने फैसला किया कि कुएं के चारों तरफ से 50 फुट तक मिट्टी हटाई जाए. जिससे की कुएं में और मिट्टी ना गिरे. जेसीबी और पोकलेन मशीनों से उस मिट्टी को हटाने का काम शुरू हुआ. पूरे दिन खुदाई चलती रही और चारों तरफ से मिट्टी हटाकर गड्ढे को बढ़ा दिया गया. रात करीब 8:30 बजे बचाव दल को किसान जयपाल की बॉडी दिखी. इस बीच फिर से मिट्टी खिसक गई. जिससे किसान की बॉडी 5 से 6 फीट मिट्टी के नीचे धंस गई. इस हादसे में बचाव दल के जवान भी मिट्टी में धंस गए. जिनका तुरंत रेस्क्यू किया गया. सुरक्षा के लिहाज से रेस्क्यू ऑपरेशन रात में फिर रोक दिया गया.

रेतीली होने की वजह से मिट्टी बार-बार खिसक रही थी. जिसकी वजह से रेस्क्यू का काम कई बार रोकना पड़ा.

25 मई, बुधवार सुबह 6 बजे फिर से मिट्टी को रोप लिफ्टिंग तकनीक के जरिये निकालने का काम शुरू हुआ. इस दौरान लाउडस्पीकर से गांव में अनाउंसमेंट करवाई गई. जिसके बाद गांव के लोग 10 से 12 ट्रैक्टर लेकर घटनास्थल पर पहुंचे. इन ट्रैक्टरों की मदद से कुएं के आसपास और उसमें भरी मिट्‌टी को निकाला गया. दोपहर 2:22 बजे कुएं में दबे किसान जयपाल का शव निकाला गया. जिसके बाद 2:50 बजे साइट से सभी सेफ्टी उपकरण हटाकर रेस्कयू मिशन को खत्म किया गया.

80 घंटे की खुदाई के बाद मिला किसान का शव

NDRF टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर कल्लू रावत ने बताया कि 50 फीट गहराई में ये बॉडी फंसी हुई थी. अंदर से कुएं की दीवार मिट्टी के दबाव की वजह से गिर गई थी. जिसके नीचे किसान का शव फंसा हुआ था. उन्होंने कहा कि इस पूरे मिशन में ग्रामीणों ने पूरा सहयोग दिया. एनडीआरएफ की दो टीम यहां लगी हुई थी. पहली टीम इंस्पेक्टर कन्हैया लाल की थी. जिसने पहली बॉडी को निकाला था. दूसरी टीम कल्लू रावत के नेतृत्व में काम रही थी. जिसने दूसरी डेडबॉडी को निकाला. 80 घंटे की खुदाई के बाद बुधवार को किसान जयपाल का शव निकाला जा सका है.

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