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HAU में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर 3 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू - एचएयू फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम

फसल प्रबंधन को लेकर एचएयू में तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ गुरुवार को किया गया. इस दौरान किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसानों की जानकारी दी गई.

training on stubble management started at hau
HAU में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर 3 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

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Published : Oct 22, 2020, 2:10 PM IST

हिसार:चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में ‘फसल अवशेष प्रबंधन’ विषय पर तीन दिन का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को किया गया.

प्रशिक्षण का आयोजन विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आरएस हुड्डा की देखरेख में किया जा रहा है. उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वो न सिर्फ खुद बल्कि अन्य किसानों को भी इस बारे में जागरूक करें और फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं. उन्होंने संस्थान द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए चलने वाले विभिन्न कौशल कार्यक्रमों की भी विस्तार से जानकारी दी.

फसल विविधिकरण से बताया अवशेषों का प्रबंधन

सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण और शिक्षण संस्थान के सहायक निदेशक(बागवानी) डॉ. सुरेंद्र सिंह ने धान-गेहू फसल चक्र में बागवानी फसलों के माध्यम से विविधिकरण करने बारे बताया ताकि फसल अवशेष को जलाना न पड़े और गिरते भू-जलस्तर को रोका जा सके. क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान उचानी के सहायक वैज्ञानिक(सस्य विज्ञान) डॉ. संदीप रावल ने फसल अवशेष प्रबंधन के तरीकों की जानकारी देते हुए इसके जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया.

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उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों को जमीन में दबाने से भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी होती है और फसल अवशेषों में जो पोषक तत्व होते हैं वो जमीन को उपलब्ध हो जाते हैं. प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. संदीप भाकर ने फसल अवशेषों के जलने से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण व जमीन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया.

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