हिसार:जिले में चलाए जा रहे पोषाहार अभियान के तहत विभिन्न गांवों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान ग्रामवासियों को नशा मुक्ति का संदेश दिया जा रहा है. इस दौरान बताया गया कि नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि तो होती ही है, साथ ही परिवार की सामाजिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचता है.
नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बताया गया कि कैसे समाज में पनप रहे विभिन्न प्रकार के अपराधों का एक कारण नशा भी है. चिट्टा, कोकीन, चरस, अफीम और शराब ऐसे उत्तेजना लाने वाले पदार्थ हैं, जिनके प्रभाव में व्यक्ति अपराध कर बैठता है. इन अपराधों का सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं ही होती हैं, इसलिए हमें सामाजिक तौर पर सोच बदलकर अपने घर से ही जागरूकता की शुरुआत करनी होगी.
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