हिसार:2016 में हरियाणा सरकार के तत्कालीन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने हिसार के ढंढूर गांव में 50 एकड़ भूमि पर गौ अभ्यारण का शिलान्यास किया था. गौ अभ्यारण का उद्देश्य शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने के साथ-साथ गोवंश को सुविधा देना था.
हिसार को लगभग 2 साल पहले आवारा पशु मुक्त घोषित किया जा चुका है. लेकिन मौजूदा हालात ऐसे नहीं हैं. शहर को आवारा पशुओं से मुक्त की घोषणाएं केवल कागजी नजर आती हैं. शहर भर का आलम ये है कि सड़कों पर चारों ओर आपको आवारा पशु घूमते नजर आएंगे, जिस पर लगाम लगाने में प्रशासन विफल दिखाई दे रहा है.
हिसार में इसे नगर निगम विभाग की लापरवाही कह लीजिए या फिर पशुओं की बदकिस्मती गौ अभ्यारण सेंटर में रोजाना पशुओं की मौत हो रही है. गौ अभ्यारण में लगभग 2400 गाय और गोवंश हैं. गौ अभ्यारण में 2045 गाय, 410 नंदी हैं. इसी तरह धांसू में बने गौ अभ्यारण में 922 नंदी हैं. हिसार के ढंडूर गौ अभ्यारण में 30 नवंबर तक लगभग 402 पशुओं की मौत हो चुकी है, लेकिन दिसंबर माह जिसमें भयंकर सर्दी पड़ रही है इस महीने के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
हर दिन मरती हैं 2 से तीन गाय
पिछले 3 दिनों में ही रोजाना एक दर्जन के करीब पशुओं की मौत हो चुकी है. नगर निगम का कहना है कि शहर से लाई गई बेसहारा गायों के पेट में पॉलिथीन होने और उनके बीमार होने के कारण दो से तीन गायों की प्रतिदिन औसतन मौत हो रही है.