हिसार: सिद्दू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) में दिल्ली पुलिस ने सोमवार सुबह पांच बजे के करीब उसने हिसार के किरमारा गांव में छापेमारी की. यहां दिल्ली पुलिस की टीम ने खेतों में बने घर पर दस्तक दी. जहां से दिल्ली पुलिस ने गांव के दो युवकों मनीष और नवदीप को गिरफ्तार किया. मनीष और नवदीप दोनों सगे भाई हैं. पुलिस ने दावा किया कि दोनों युवकों के पास से भारी मात्रा में असला बरामद हुआ है.
इस पूरे मामले में जब मनीष और नवदीप के घरवालों से बातचीत की गई तो पता चला कि दोनों सगे भाई पुरानी गाड़ियों के लेनदेन का काम करते हैं. प्रदीप नाम का शख्स भी इनके साथ काम करता था. परिजनों के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद प्रदीप अपने साथ दो युवकों को लेकर एक रात रहने के लिए उनके घर आया था. प्रदीप के साथ जो दो युवक थे वो सिद्धू मूसेवाला के हत्यारे प्रियव्रत फौजी और अंकित थे.
हिसार के किरमारा गांव रुके थे शूटर प्रियव्रत और अंकित, यहीं से बरामद हुआ हथियारों का जखीरा इसी दौरान प्रियव्रत फौजी (gangster priyavrat kirmara village hisar) और अंकित ने हथियारों का बैग मनीष और नवदीप के घर स्टोर में छुपा दिया. जिसे पुलिस ने बरामद किया है. वहीं परिजनों का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि प्रदीप के साथ जो दो लोग आए थे वो कौन थे और उन्होंने कुछ छुपाया है या नहीं. दिल्ली पुलिस ने यहां से असॉल्ट राइफल, नौ डेटोनेटर, नौ हैंड ग्रेनेड और तीन पिस्टल बरामद की हैं.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम किरमारा गांव के दो युवकों मनीष और नवदीप (सगे भाई) को भी अपने साथ लेकर गई है. इन्हीं युवकों के घर पर बैग में ये हथियार रखे गए थे. दोनों युवकों के माता-पिता का कहना है कि उनके बेटे गाड़ी सेल परचेज का काम करते थे और प्रदीप नाम के युवक के साथ उनका लेना-देना चलता रहता था. कुछ दिन पहले प्रदीप दो युवकों को लेकर उनके घर आया था और वो एक रात उनके घर रहे. उस समय उनके दोनों बेटे व पिता बीमार होने के चलते हिसार के अस्पताल में थे.
यही वो जगह है जहां से दिल्ली पुलिस ने हथियारों से भरे बैग को बरामद किया था. परिजनों के मुताबिक प्रदीप और उसके साथ आए दो युवक रात को उनके घर रुके और सुबह वापस चले गए थे. पिता रामेश्वर माता सरोज का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कौन उनके घर ये बैग रख कर गया. वो इस बारे में नहीं जानते. सिद्दू मूसे वाला हत्याकांड के मुख्य आरोपी प्रियव्रत फौजी व उसका साथी अंकित वारदात को अंजाम देने के बाद प्रदीप नाम के व्यक्ति के साथ किरमारा गांव में आकर रुके थे एक रात रहने के बाद वह उस वहां से निकल गए थे. दिल्ली पुलिस के अनुसार उन दोनों की शिनाख्त पर ही उसी घर में से ये असला बरामद हुआ है.