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गणतंत्र दिवस की परेड में कुमाऊं रेजीमेंट की कमान संभालेंगे हरियाणा के राहुल कटारिया - कुमाऊं रेजीमेंट परेड

हिसार के रहने वाले राहुल कटारिया कुमाऊं रेजीमेंट की कमान संभालेंगे. राहुल कहते हैं कि उन्हें फौज में जाने की प्रेरणा बचपन में अपने पिता से मिल गई थी और उन्होंने क्या कहा जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

rahul kataria will lead kumaon regimen
कुमाऊं रेजीमेंट का नेतृत्व करते हुए राहुल कटारिया

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Published : Jan 25, 2020, 9:10 PM IST

Updated : Jan 25, 2020, 9:52 PM IST

नई दिल्ली/हिसार: हरियाणा प्रदेश के लिए कहा जाता है कि यहां दूध दही का खाना, लेकिन खानपान के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश पर महा पुरुषों का नारा जय जवान, जय किसान भी पूरी तरह से स्टिक बैठता है. 26 जनवरी को 71 वे गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली के राजपथ पर होने वाली सेनाओं का भव्य मार्चपास्ट भी हरियाणा के लिए अलग से गौरवपूर्ण होने वाला है.

हिसार में रहता है पूरा परिवार
पहली बार सेना की कुमाऊ रेजिमेंट की मार्चपास्ट की कमान हरियाणा के कैप्टन राहुल कटारिया संभालेंगे. राहुल कटारिया मूल रूप से हरियाणा के जींद जिले के हैं वहीं उनका परिवार पिछले लम्बे समय से हिसार में रह रहा है. राहुल कटारिया के पिता हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं. राहुल कटारिया कहते हैं कि मेरा परिवार हिसार में रहता है. वहीं पर मेरी शुरुआती पढ़ाई डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल से हुई है. बारहवीं के बाद मैंने नेशनल डिफेंस अकादमी को जॉइन किया. उसकी बाद मेरी आईएमए में एक साल की ट्रेनिंग हुई जिसके बाद मैं कुमाऊं रेजीमेंट की 16वीं बटालियन में कमीशन हुआ.

सेना दिवस के मौके पर परेड के बाद बातचीत करते हुए राहुल कटारिया, देखिए वीडियो

माता-पिता का मिला पूरा सहयोग- राहुल
राहुल कटारिया ने 2013 में नेशनल डिफेन्स अकेडमी के 130 वे कोर्स को ज्वाइन किया और 2017 में कुमाऊ रेजिमेंट की सोलहवीं बटालियन में कमीशन हुए. राहुल कटारिया देश की सेवा के लिए सेना ज्वाइन करने चाहते थे और इसके लिए उनके माता पिता का भी उन्हें पूरा सहयोग मिला.

'रेजिमेंट का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात है'
कैप्टन राहुल कटारिया का कहना है कि एक जवान की जिदंगी में सिर्फ लड़ाई या युद्ध ही एक ऐसा क्षण होता है जो उसे गौरवांवित कराने वाले होते हैं. इसके अलावा 26 जनवरी की परेड में भारतीय सेना की सबसे अहम कुमाऊं रेजीमेंट के दस्ते का नेतृत्व करने के लिए मेरा चयन होना भी मेरे लिए एक बहुत ही खुशी और गौरव का पल है. मुझे नहीं लगता कि अब आगे ऐसा कोई दूसरा क्षण मेरी जिदंगी में कभी आएगा.

सेना दिवस के मौके पर परेड के बाद बातचीत करते हुए राहुल कटारिया

'पिता पुलिस में हैं, मेरा भी बचपन से फौजी बनने का सपना था'
उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं. मेरे बचपन से उनका एक सपना था कि मैं एक फौजी बनू और उसे ही साकार करने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की और उसके बाद भारतीय सेना को करियर के विकल्प के रूप में चुना.

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'छह महीने से परेड की ट्रेनिंग चल रही है'
गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए हमारी रेजीमेंट के दस्ते ने करीब छह महीने पहले से ट्रेनिंग लेना शुरु कर दिया था. इसकी शुरुआत अगस्त 2019 को रानीखेत के रेजीमेंटल सेंटर से हुई. यहां हमने नवंबर के मध्य तक प्रशिक्षण लिया और उसके बाद 28 नवंबर को हम दिल्ली आ गए फिर 1 दिसंबर से लेकर आज तक हम यहीं पर परेड के लिए अभ्यास चल रहा है.

Last Updated : Jan 25, 2020, 9:52 PM IST

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