हिसार: सरकारी कामों को लेकर आमजन में धारणा बनी हुई है कि सरकारी काम जल्दी नहीं होते. सरकारी विभागों में शिकायत निवारण प्रक्रिया का क्या हाल है, इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने हिसार जिले में लोगों से बात की तो पता चला कि किसी भी शिकायत को अगर सीधे संबंधित अधिकारी को दिया जाए तो बहुत ही कम चांस है कि उस पर कोई कार्रवाई हो, लेकिन शिकायत जब किसी अन्य माध्यम जैसे सीएम विंडो या फिर उच्च अधिकारी से मार्क होकर अधिकारी तक आती है तो उस पर कार्रवाई होना सुनिश्चित होता है. क्योंकि वो सरकारी रिकॉर्ड में रहता है और अधिकारी की उसके प्रति जवाबदेही होती है.
पानी का प्रबंध हो, बिजली का बिल हो या फिर फसल को लेकर कोई समस्या. लोग सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते रह जाते हैं. बीमा योजना के क्लेम को लेकर चक्कर काट रहे किसान राजपाल ने बताया कि उसने क्लेम के लिए अधिकारियों के कार्यालय में 4 महीने तक चक्कर लगाए. एक डिपार्टमेंट से उसे कागजों का हवाला देकर दूसरे डिपार्टमेंट तक भेज दिया गया.
सरकारी विभागों के चक्कर काटने को मजबूर लोग
ऐसे मामलों में पीड़ित लोगों की सहायता करने वाले समाजसेवी मनोज कुमार ने बताया कि मैं खुद गांव के लोगों के साथ शिकायत लेकर जाता हूं, तो हमारे विभागों में शिकायत निवारण व्यवस्था का बुरा हाल है, जब किसी भी विभाग में शिकायत के लिए कोई एप्लीकेशन देकर आते हैं तो उसे लेकर साइड में रख लिया जाता है और उस पर कोई खास कार्रवाई नहीं होती. जिसके लिए बार-बार डिपार्टमेंट के चक्कर काटने पड़ते हैं.