हिसार: शुक्रवार को जिले में बिजली कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. हिसार में ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरेशन वर्कर यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया.
विरोध प्रदर्शन में तमाम कर्मचारियों ने बिजली निगम व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के बाद तमाम कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए अधीक्षक अभियंता के माध्यम से मुख्य सचिव हरियाणा के नाम मांग पत्र भी सौंपा.
निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरेशन वर्कर यूनियन के राज्य प्रधान सुरेश राठी ने कहा कि बिजली निगमों में लगातार निजीकरण की नीतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. केंद्र सरकार पावर बिल 2020 के पास होने पर तमाम बिजली बोर्ड के निजीकरण करना चाहती है. इस बिल के पास होने के बाद तमाम कर्मचारी प्राइवेट कंपनियों के अधीन हो जाएंगे और कोई भी कर्मचारी सरकारी नहीं रह पाएगा.
इस बिल का असर सिर्फ कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा. बल्कि तमाम जनता पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. तमाम प्रकार की सब्सिडी बिलों में छूट खत्म हो जाएगी. बिजली के रेट महंगे हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मुख्य मांगे हैं कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए नहीं तो तब तक समान काम समान वेतन लागू किया जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, कैशलेस कार्ड लागू किए जाएं, निगमों में निजीकरण की प्रक्रिया ठेकेदारों की वजह रेगुलर कर्मचारी से काम करवाया जाए, खाली पड़े पदों पर स्थाई भर्ती का प्रबंध किया जाए और ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी स्वैच्छिक प्रक्रिया के हिसाब से की जाए.
ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए हरियाणा समेत तीन राज्यों में केंद्र भेजेगी हाई लेवल टीमें
इसके अलावा सभी प्रकार के बिजली उत्पादन सरकारी इकाईयों से किया जाए, भ्रष्टाचार और निजी करण प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. इन्हीं मांगों को पूरा करवाने के लिए ये प्रदर्शन किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो पूरे प्रदेश का कर्मचारी 26 नवंबर को देश के ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.