हिसार:महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में लाखों की गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम जांच के लिए पहुंची. टीम ने कार्यालय से मामले से जुड़ा रिकॉर्ड भी जांच के लिए लिया है. 26 फरवरी को महिला बाल विकास विभाग हिसार की परियोजना अधिकारी डॉ. अनीता दलाल ने शिकायत देकर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था. वहीं नारनौंद के एसडीएम कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस सीट पर लगे क्लर्क सुनील व विजय कुमार की शिकायतें मिल रही थीं. जिसकी जांच की गई.
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नारनौंद में पाए गए 628 केस फर्जी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में नारनौंद ब्लॉक में करीब 628 केस फर्जी पाए गए थे. जिसकी जांच विभाग की सुपरवाइजरों ने की थी. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत आंगनबाड़ी वर्करों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को तीन किस्तों में 5 हजार रुपये देने होते हैं. जिस प्रकार से जांच में 628 केस सामने आए हैं. तो यह गबन 31 लाख 40 हजार रुपये का हो सकता है.
जींद में दर्ज हुए मुकदमों से भी जुड़े हो सकते हैं तार
वहीं इस मामले के तार जींद में दर्ज हुए मुकदमों से भी जुड़े हो सकते हैं, क्योंकि इस योजना में किसी का रजिस्ट्रेशन किसी भी ब्लॉक में करवाया जा सकता था. वहीं जींद जिले के उचाना में 295 व जींद के ग्रामीण व शहरी में 438 फर्जी मामले मिले थे. उनकी अपेक्षा नारनौंद में जो गड़बड़ी पाई गई है वो बहुत ज्यादा है. योजना की आईडी व पासवर्ड चुराकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया था. जबकि विभाग ने आने वाली सीडीपीओ अपना आईडी व पासवर्ड बदल देती हैं, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ. जिसमें विभाग की कर्मचारियों की तरफ शक की सुई घूम रही है. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 406, 120बी व 66, 66सी, 66डी आईटी एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इन सुपरवाइजरों के सर्कल में पाई गई गड़बड़ियां
बता दें कि, बुडाना सर्कल की सुपरवाइजर मनजीत के 44, पेटवाड़ सर्कल की सुपरवाइजर सुषमा के 91, नाड़ा सर्कल की सुपरवाइजर कमलेश के 122, नारनौंद सर्कल की सुपरवाइजर गरिमा के 106, मोठ सर्कल की सुपरवाइजर आरजू के 81, माढ़ा सर्कल की सुपरवाइजर मंजू के 83, खेड़ी जालब सर्कल की सुपरवाइजर सुनीता के क्षेत्र में 101 केस फर्जी पाए गए हैं.
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वहीं मुख्यमंत्री उड़नदस्ता टीम के इंचार्ज ईश्वर सिंह ने बताया कि नारनौंद के एसडीएम कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस सीट पर लगे क्लर्क सुनील व विजय कुमार की शिकायतें मिल रही थीं. जिसकी जांच की गई है. वहीं विभाग से जांच के लिए रिकॉर्ड लिया गया है. मामले की गहनता से जांच की जा रही है.