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'कीटनाशक बैन होने से नहीं पड़ेगा फसल और सब्जियों के उत्पादन पर फर्क, बाजार में विकल्प मौजूद'

केंद्र सरकार ने 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिसूचना जारी की है. इसपर कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल या सब्जियों पर इसका कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि बाजार में इनके विकल्प पहले ही मौजूद हैं.

Pesticide ban will not affect crops and vegetables
Pesticide ban will not affect crops and vegetables

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Published : Jun 8, 2020, 10:48 AM IST

हिसार: केंद्र सरकार ने 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिसूचना जारी की है, सरकार के मुताबिक प्रतिबंध लगाए जाने वाले कीटनाकशक सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशुओं के लिए भी खतरनाक हैं. ज्यादातर किसान इन कीटनाशकों का फल, सब्जियों में इस्तेमाल करते हैं.

ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान हिसार के कृषि उप निदेशक विनोद फोगाट ने बताया कि भारत में लंबे समय से खेती में इस्तेमाल होने वाले कुछ कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर समय-समय पर मांग उठती रही है. इन कीटनाशकों का खेती में अंधाधुंध इस्तेमाल होने के कारण मानव शरीर और पशुओं पर गलत प्रभाव पड़ रहा है.

केंद्र सरकार ने 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिसूचना जारी की है.

अब केंद्र सरकार ने कीटनाशकों को गंभीरता से लेते हुए 13 मई को एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें अगले 45 दिनों के दौरान किसानों और कीटनाशक उत्पादकों से रसायनों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर आपत्तियां मांगी गई है. ये कीटनाशक पूरे देश में खेती के लिए लंबे समय से इस्तेमाल होते रहे हैं. यदि केंद्र सरकार इन पर प्रतिबंध भी लगा देती है तो इससे कृषि उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. क्योंकि बाजार में पहले से ही उनके विकल्प मौजूद हैं.

वहीं चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के प्रभारी योगेश कुमार ने बताया कि सब्जी और अन्य फसलों में कई प्रकार के कीड़े और क्रीमी लगते हैं. इनको नियंत्रित करने के लिए किसान रसायन का प्रयोग करते हैं. ऐसा ना करने पर किसानों की उत्पादन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यदि फल और सब्जियों में कीड़े लग जाते हैं तो वो मार्केट में नहीं बिकते और किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. जिससे किसानों को नुकसान होगा.

उन्होंने बताया कि अधिकतर सब्जियों में कीड़े लगते हैं और बीमारी आती है. जहां तक संभव हो किसानों को किटनाशकों का प्रयोग कम से कम किया जाना चाहिए. कीटनाशक स्प्रे के अलावा भूमि की गहरी जुताई करें, जिसके कारण लारवा और कीट बाहर आ जाते हैं, जिसे या तो पक्षी खा जाते हैं. या फिर तेज धूप में भी खुद नष्ट हो जाते हैं.

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कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक सिफारिश किए गए किटनाशक को निर्देशित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए. इनके प्रयोग करने के बाद निर्धारित समय के बाद ही सब्जियों को तोड़कर मंडी में ले जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि सभी दवाइयों के प्रभाव का समय अलग अलग होता है. किसानों का कहना है कि वो मार्केट में उपलब्ध कीटनाशक प्रयोग करते हैं, जिनका परिणाम उन्हें अच्छा मिलता है. यदि ऐसे उत्पाद बंद हो जाते हैं तो वो मार्केट में उपलब्ध अन्य रसायनों का प्रयोग करने के लिए तैयार हैं.

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