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नन्हें-मुन्नों के साथ धरने पर NHM कर्मचारी, इन तरीकों से सरकार का दिल पिघलाने की कर रहें कोशिश

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Published : Feb 26, 2019, 10:24 PM IST

Updated : Feb 27, 2019, 12:03 AM IST

अनशन पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की तरफ से उनकी मांगे मानना तो दूर उन्हें अभी तक बातचीत के लिए भी नहीं बुलाया गया है.

धरने पर बैठे कर्मचारी.

हिसारः प्रदेश में एनएचएम कर्मचारियों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा. इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए विरोध के विभिन्न तरीके अपनाएं, जिनमें खून से पत्र लिखना, मुंडन करवाना जैसे तरीके शामिल रहें.

एनएचएम कर्मचारियों ने 72 घंटे की भूख हड़ताल भी रखी है. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार मांगे नहीं मानती है तो ये भूख हड़ताल अनिश्चित काल तक भी की जा सकती है. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने इस हड़ताल पर सख्ती दिखाते हुए हिसार जिले में लगभग 375 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. वहीं एनएचएम की महिला कर्मचारी अपने छोटे-छोटे बच्चों को साथ लेकर धरने में शामिल हो रही हैं.

भूख हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारी ने कहा कि 22 दिनों से चल रही इस हड़ताल को शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है. अनशन पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की तरफ से उनकी मांगे मानना तो दूर उन्हें अभी तक बातचीत के लिए भी नहीं बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. अनशन पर बैठे कर्मचारी ने कहा कि उनकी 20 साल की नौकरी के दौरान ये चौथी हड़ताल है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

वहीं हड़ताली कर्मचारी नेता ने कहा कि प्रदेश में 12, 500 कर्मचारी हैं जिनमें से 10, 546 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार हड़ताली कर्मचारियों का निलंबन करती है, वहीं दूसरी तरफ निलंबित किए गए हड़ताली कर्मचारियों को नोटिस देने के साथ-साथ फोन पर दबाव बनाया जा रहा है कि वो 24 घंटे के अंदर-अंदर ज्वाइन कर लें. उन्होंने कहा कि निलंबन के आदेशों के बाद उनकी हड़ताल में कुछ नए कर्मचारी शामिल हुए हैं.

हड़ताल में शामिल महिला एनएचएम कर्मचारी भी अपने एक साल के बच्चे को साथ लेकर हड़ताल पर बैठी हैं. उन्होंने कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि आजीविका छिन जाने से उनकी निजी जिंदगी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें दुख है कि उनकी वजह से मरीजों को परेशानी हो रही है, लेकिन इसकी असली वजह सरकार हैं जो उनकी मांगे नहीं सुन रही है.

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Last Updated : Feb 27, 2019, 12:03 AM IST

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