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इस साल हरियाणा से 13 दिन बाद विदा हुआ मानसून, जानें इस साल किस जिले में हुई कितनी बारिश

Monsoon Departed From Haryana: साल 2021 मानसून प्रदेश के उत्तरी हिस्से में 13 जून 2021 को प्रवेश किया, लेकिन पूरी तरह से राज्य में 13 जुलाई को सक्रिय हुआ. उसके बाद हरियाणा में जमकर बदल बरसे है, और आलम ये रहा कि इस साल 13 दिनों के बाद मानसून ने विदाई ली.

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इस साल हरियाणा से 13 दिन बाद विदा हुआ मानसून

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Published : Oct 10, 2021, 9:27 PM IST

हिसार:ताऊते साइक्लोन के चलते हरियाणा में मानसून देरी से आया था, लेकिन अब देरी से जा रहा है. इस साल हरियाणा में 8 अक्टूबर को दक्षिण पाश्चिमी मॉनसून की वापसी शुरू हुई है, जो सामान्य वापसी 25 सितम्बर से 13 दिन देरी से हो रही है जबकि पिछले वर्ष मानसून की वापसी प्रदेश से 30 सितम्बर को हुई थी. इस साल मानसून प्रदेश के उत्तरी हिस्से में 13 जून 2021 को प्रवेश किया, लेकिन पूरी तरह से राज्य में 13 जुलाई को सक्रिय हुआ. उसके बाद हरियाणा में जमकर बदल बरसे है.

राज्य में जिला अनुसार बारिश के आंकड़े: राष्ट्रीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मॉनसून पीरियड 1 जून से 30 सितंबर तक माना जाता है, लेकिन मानसून 8 अक्टूबर तक रहा. इस दौरान हरियाणा राज्य में सामान्य से 30 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई है. इस दौरान राज्य में बारिश 571.3 मिलीमीटर हुई जो सामान्य बारिश 438.6 मिलीमीटर से 30 प्रतिशत अधिक दर्ज हुई है, लेकिन जुलाई में राज्य में बारिश 253.1 मिलीमीटर जो सामान्य 155.3 मिलीमीटर से 68 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.

जानें किस जिले में हुई कितनी बारिश

राष्ट्रीय मौसम विज्ञान विभाग अगस्त महीने में राज्य में बारिश 81.9 मिलीमीटर हुई जो सामान्य बारिश 157.2 मिलीमीटर से 48 प्रतिशत कम हुई. सितम्बर में बारिश 187.5 मिलीमीटर हुई, जो सामान्य 78.6 मिलीमीटर से 139 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई. अक्टूबर के पहले हफ्ते में 9.6 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि इस हफ्ते में सामान्य बारिश 3.7 मिलीमीटर ही होती है.

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हरियाणा में मानसून की बारिश वर्ष 2003 में हुई बारिश 620 मिलीमीटर के बाद सबसे अधिक बारिश इस वर्ष 2021में 571.3 मिलीमीटर दर्ज की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकडों का अध्ययन करें तो इस साल मॉनसून की सबसे अधिक बारिश राज्य के पांच जिलों में सामान्य से बहुत अधिक जिनमें झज्जर 102 प्रतिशत ज्यादा, फतेहाबाद 89 फीसदी अधिक, सोनीपत 84 फीसदी अधिक, कैथल 80 प्रतिशत अधिक और हिसार 79 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई.

जबकि 9 जिलों में सामान्य से ज्यादा, 6 जिलों में सामान्य बारिश, लेकिन दो जिलों पंचकूला 44 फीसदी कम और अम्बाला में 30 प्रतिशत कम इसके साथ ही राजधानी चंडीगढ़ में 29 प्रतिशत सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई.

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चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमएल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा मॉनसून की वापसी 8 अक्टूबर को सुनिश्चित होने के बाद मौसम आमतौर पर राज्य में 14 अक्टूबर तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है, लेकिन इस दौरान एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में 12 अक्तूबर रात्रि को उत्तर पाश्चिमी क्षेत्र में कुछ एक स्थानों पर गरजचमक और हवायों के साथ छिटपुट बूंदाबांदी होने की भी संभावना है.

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