हिसार: मिड-डे मील वर्कर्स ने क्रांति मान पार्क में इकट्ठा होकर हिसार के लघु सचिवालय तक सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर मिड डे मील वर्कर्स ने हिसार के उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
मिड-डे मील वर्कर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव जया भगवान ने कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं को शशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन देश की 25 लाख मिड डे मील वर्कर को भुखमरी के कगार पर छोड़ रखा है.
मिड-डे मील वर्कर्स ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हिसार में जोरदार प्रदर्शन किया लंबे समय से मिड डे मील वर्कर के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. 45वें श्रम सम्मेलन को सिफारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है. जो मिड डे मील वर्कर्स के कर्मचारी बनाने न्यूनतम वेतन लागू करने और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की बात करता है. उन्होंने कहा कि मिड डे मील के बजट में केंद्र सरकार ने 25% कटौती कर दी है. जो कि निंदनीय है.
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उन्होंने कहा कि हम मांग कर रहे हैं कि मिड-डे मील वर्करों के मानदेय में बढ़ोतरी की जाए. मानदेय को कम से कम 7500 किया जाए. वेतन 12 महीने मिले. रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो. कम से कम ₹20 लाख का लाभ दिया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने मजदूरों के बारे में 4 नई लेबर कोड लाकर मजदूरों की वेतन मान और भावी पीढ़ी को गुलामी के दलदल में धकेल दिया है.
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खेती और खाद्य सुरक्षा को उजाड़ने वाले तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लाखों किसान सड़कों पर है, लेकिन सरकार चंद पूंजीपतियों को गोद में खेल रही है. हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत इन कानूनों को वापस ले. उन्होंने कहा कि यूनियन ने यह भी फैसला किया है कि 15 मार्च को निजीकरण विरोधी दिवस पर रेलवे स्टेशन के सामने प्रदर्शन होंगे. 26 को भारत बंद में भी वर्कर्स बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी.