हिसार: कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने अपने समर्थकों के बीच जाकर ऐलान किया है कि वो आज यानि बुधावर को विधायक के पद से इस्तीफा देंगे और कल यानी वीरवार को बीजेपी ज्वाइन करेंगे. कुलदीप बिश्नोई ने समर्थकों से कहा कि जो काम मैं सत्ता में रहते हुए करवा सकता हूं. वो बिना सत्ता के नहीं हो सकते. जब कुलदीप बिश्नोई ने समर्थकों से बीजेपी में जाने के लिए राय मांगी तो उन्होंने सहमति जताई.
खबर है कि कुलदीप बिश्नोई ने अपने आदमपुर कार्यालय पर समर्थकों को बातचीत के लिए बुलाया था. इससे पहले हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कुलदीप बिश्नोई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कुलदीप बिश्नोई ने उनसे मिलने का समय मांगा है. वो बुधवार दोपहर 12 बजे विधानसभा आकर उनसे मिलेंगे. जिसके बाद कुलदीप बिश्नोई विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर उनको अपना इस्तीफा सौंपेंगे.
हाल ही में बीजेपी नेताओं से की थी मुलाकात-बता दें कि हाल ही में कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Kuldeep Bishnoi meets Amit Shah) और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. भाजपा के दोनों सीनियर नेताओं से मुलाकात के बाद बिश्नोई ने एक ट्वीट किया था, जो चर्चा में बन गया. कुलदीप बिश्नोई ने लिखा था, 'अपनी जुबान के लिए सरे-राह हो जाना, बहुत कठिन है, अमित शाह हो जाना.' बिश्नोई के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं और तेज हो गई हैं.
राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई ने की थी क्रॉस वोटिंग-गौरतलब है कि हरियाणा कांग्रेस ने विधायक कुलदीप बिश्नोई को बीते 11 जून को सभी पदों से हटा दिया (haryana congress removes Kuldeep bishnoi) था. राज्यसभा के लिए हुई वोटिंग के दौरान कुलदीप बिश्नोई ने निर्दलीय उम्मीदवार रहे कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में मतदान किया था. राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले कुलदीप बिश्नोई का बगावती तेवर कांग्रेस को ऐसा भारी पड़ा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके अजय माकन चुनाव हार गए. इस चुनाव में बीजेपी और जेजेपी ने कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया था.
प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से नाराज थे कुलदीप बिश्नोई- इससे पहले बीते दिनों हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था, लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. फिलहाल बिश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है अगर वह इस्तीफा देते हैं तो उपचुनाव होना तय है.