हिसार: भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हरियाणा के बासमती चावल (haryana famous basmati rice) की महक फैली है. हरियाणा से कई देशों के लिए चावल की बेहतरीन किस्मों का निर्यात किया जाता है. यही वजह है कि हरियाणा के किसान खरीफ के सीजन (kharif season 2021) में धान की फसल मुख्य तौर पर लगाते हैं.
ऐसे में खरीफ सीजन में इस बार किसान धान की कौन सी किस्म लगातार (best paddy variety) मोटा मुनाफा कमा सकते हैं और किस तकनीक का इस्तेमाल कर धान की फसल की लागत कम और मुनाफा ज्यादा किया जा सकता है. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर एसएस पूनिया से खास बातचीत की.
किसी भी फसल को बोने के लिए सबसे जरूरी बीज की क्वालिटी होती है. कई बार किसान महंगे बीज और खाद का इस्तेमाल तो कर लेते हैं, लेकिन फिर भी उपज सही तरीके से नहीं हो पाती. अच्छे उत्पाद के लिए जरूरी है कि मिट्टी और मौसम के हिसाब से बीज की किस्म का चुनाव किया जाए. ऐसे में किसान भाई इस बार धाम की कौन सी किस्म को लगा सकते हैं ये बताया डॉक्टर एसएस पूनिया ने.
डॉक्टर एसएस पूनिया ने बताया कि दो तरीके से धान की रोपाई की जाती है. पहला तो कद्दू रोपाई और दूसरा सीधी रोपाई. पूनिया के मुताबिक कद्दू रोपाई की तुलना में सीधी रोपाई करने से किसानों की लागत कम होगी बल्कि मुनाफा भी ज्यादा होगा.
कद्दू और सीधी रोपाई में अंतर
चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर कद्दू और सीधी रोपाई में क्या अंतर होता है? दरअसल, सबसे पहले धान के बीज को नर्सरी में उगाया जाता है और उसकी पौध तैयार होने के बाद उसे खेत में लगाया जाता है. पौध लगाने से पहले जमीन में पानी लगा कर उसे ट्रैक्टर के जरिए रोपा जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को कद्दू रोपाई कहा जाता है. कद्दू रोपाई में लेबर की मदद से धान के पौधे को जमीन में लगाया जाता है.
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अब बात करते हैं सीधी रोपाई की. ये तरीका भी अब काफी प्रचलित हो रहा है, क्योंकि कद्दू रोपाई की तुलना में सीधी रोपाई के कई फायदें हैं. जैसे इसे लगाने में कम समय लगता है और रोपाई के लिए लेबर की जरूरत भी नहीं पड़ती है.
डॉक्टर एसएस पूनिया ने बताया कि सीधी रोपाई में डीएसआर मशीन के जरिए बीज सीधा खेत में रोप दिया जाता है. इस तरीके की रोपाई में आपको ना तो ज्यादा पानी की जरूरत होती है और ना ही लेबर की, क्योंकि इस रोपाई में बिना पौध पर खर्चा किए बीज को ही सीधा खेत में रोप दिया जाता है. हालांकि इस तरीके में खतपतवार (धान के पौधे के साथ आने वाले अनचाहे दूसरे पौधे) का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
कौन सा तरीका है बेहतर और फायदेमंद?