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आखिर कैसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम, क्या है पूरी प्रक्रिया? यहां जानिए - Cyclonic storm names

क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि किसी भी तूफान का नाम कैसे रख जाता है, या फिर ऐसी कौनसी प्रक्रिया है जिससे तूफान के नाम को तय किया जाता है? तो हम आपको इस विषय से जुड़ी हर जानकारी देंगे. पूरे आर्टिकल को पढ़िए और से समझिए कि तूफान के नाम कैसे रखे जाते हैं.

Cyclonic storm naming process
Cyclonic storm naming process

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Published : May 28, 2021, 10:51 AM IST

Updated : May 28, 2021, 1:24 PM IST

हिसार:पहले तौकते (cyclone tauktae) और अब यास (yaas) ने चक्रवाती तूफानों की ओर ज्यादा दिलचस्पी बढ़ा दी है. लोगों में इस बात की चर्चा होने लगी है कि इन चक्रवाती तूफानों के नाम क्यों रखे जाते हैं? और कौनसी प्रक्रिया है जिसके तहत तूफानों के नाम रखे जाते हैं? इसी विषय पर हमारी टीम ने हिसार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमएल कीचड़ से बात की.

डॉक्टर एम.एल कीचड़ ने बताया कि चक्रवाती तूफानों (cyclone names) को नाम दिए जाने की एक खास प्रक्रिया होती है. उत्तरी हिंद महासागर में बनने वाले तूफानों (जिसमें बंगाल की खाड़ी और अरब सागर भी शामिल है) का नाम देने के लिए 13 देशों का एक पैनल है. ये पैनल विश्व मौसम संगठन के नियमानुसार चक्रवाती तूफानों का नाम तय करता है.

इस पैनल में कौन-कौन से देश शामिल हैं?

13 देशों के पैनल में भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं. इन 13 देशों में 2020 में तूफानों का नाम देने की नई सूची जारी की थी. 13 देशों ने 13-13 नाम सुझाए हैं. इस तरह कुल 169 नाम तय हो चुके हैं.

तूफानों के नाम रखने की प्रक्रिया.

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क्यों रखे जाते हैं तूफानों के नाम?

इन तूफानों को नाम देने का मकसद हर तूफान को एक अलग पहचान देना है. जिसके बारे में आम जनता को उसके विकसित होते समय उसके बारे में चेतावनी दी जा सके. साइक्लोन का नाम तभी दिया जाता है, जब तूफान की गति 34 नॉटिकल मील प्रति घंटा से ज्यादा होती है.

किन बातों का रखा जाता है ध्यान?

डॉ. एमएल कीचड़ ने बताया कि तूफान का नाम रखते समय ये ध्यान रखा जाता है कि ये नाम लिंग, धर्म, संस्कृति और राजनीतिक रूप से तटस्थ हों और उनसे किसी की भावनाएं आहत ना होती हों. साथ ही नाम छोटे और आसानी से पुकारे जा सकने वाले होने चाहिए. ये नाम अधिकतम 8 अक्षरों के ही हो सकते हैं.

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'तौकते' और 'यास' नाम किसने रखा?

'तौकते' तूफान का नाम म्यंमार ने रखा और 'यास' का नाम ओमान ने रखा है. अब अगले तूफान का नाम भी तय है जो पाकिस्तान का नाम 'गुलाब' होगा. इसके बाद कतर का दिया हुआ 'शाहीन' नाम उपयोग में लाया जाएगा. एक देश का सुझाया नाम बाकी 13 देशों के सुझाए नाम के बाद आता है और ये चक्र चलता रहता है.

Last Updated : May 28, 2021, 1:24 PM IST

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