हिसार:कृषि, किसान कल्याण एवं पशुपालन मंत्री जे.पी. दलाल ने शनिवार को चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र उचानी (करनाल) में नवनिर्मित गेट का उद्घाटन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने की. जबकि इंद्री के विधायक श्री राम कुमार कश्यप विशिष्ट अतिथि थे. इस दौरान जेपी दलाल ने पौधारोपण भी किया.
इस मौके पर कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक न केवल प्रदेश बल्कि संपूर्ण भारत की भौगौलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर फसलों की नई-नई किस्मों को विकसित करें. इससे किसानों की फसल की पैदावार व आमदनी भी बढ़ेगी. साथ ही किसान खुशहाल होगा, जिसकी लिए प्रदेश सरकार पहले से ही प्रयासरत है.
उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे जिस प्रकार करनाल व इसके आसपास के क्षेत्र यहां से विकसित किस्मों के माध्यम से बेहतर उत्पादन हासिल कर रहे हैं. वैसी ही किस्मों को प्रदेश के दक्षिण हरियाणा क्षेत्र के लिए विकसित करें. ताकि वहां का किसान भी अच्छी पैदावार ले सके. उन्होंने कहा कि इसी अनुसंधान केंद्र के साथ बागवानी विश्वविद्यालय की भी स्थापना की गई है. जहां से युवा बागवानी के क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण हासिल कर स्वरोजगार स्थापित करने के योग्य हो सकेंगे.
वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्वेश्य किसानों को फसलों की उत्तम किस्मों के बीज उपलब्ध करवाने व अन्य जानकारी देने के लिए किया गया है. उन्होंने बताया कि इस केंद्र ने गन्ने व मक्का की हाइब्रिड किस्में विकसित की हैं. जो न केवल प्रदेश के किसानों के लिए वरदान साबित हुई हैं, बल्कि देश के अन्य राज्यों के किसान भी इन्हें अपनाकर बेहतर उत्पादन हासिल कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इस केंद्र ने इन फसलों की अंतराष्ट्रीय मार्केट में डिमांड के अनुसार उत्पादन व व्यवसाय के लिए बेहतर किस्में तैयार की हैं. इसके अलावा केंद्र में गन्ने की किस्मों, हाइब्रिड मक्का व चावल, गेहूं व सब्जियों की फसल की टेस्टिंग भी की जाती है. जिससे किसानों को गन्ने, मक्का, गेहूं व सब्जियों के गुणवत्ता पूर्वक बीजों को उपलब्ध करवाया जाता है.
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र उचानी (करनाल) के निदेशक डॉ. आर.एस.पन्नू ने बताया कि इस भव्य गेट के निर्माण में करीब 25 लाख रुपये की लागत आई है. अब इस भव्य गेट से इस अनुसंधान केंद्र की करनाल- दिल्ली हाइवे पर अलग ही पहचान हो जाएगी. भविष्य में इस गेट पर किसानों के लिए बीज बिक्री और अन्य मूल्यवर्धक उत्पादों के लिए सेल काउंटर बनाए जा सकेंगे.
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