हिसार: दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन को 3 महीने से ज्यादा हो गए हैं. किसान आंदोलन के समर्थन में लोग बढ़ते जा रहे हैं. बता दें कि किसान आंदोलन के समर्थन में टीकरी बॉर्डर के लिए हांसी की ऐतिहासिक लाल सड़क से किसानों की पदयात्रा को शहीद भगत सिंह की भांजी गुरजीत कौर ने झंडी दिखाकर रवाना किया है.
हिसार: 23 मार्च को शहीद दिवस पर किसान मजदूर पदयात्रा टीकरी बॉर्डर पहुंचेगी बता दें कि हांसी से सैंकड़ों किसान, मजदूर, छात्र और अन्य लोग पदयात्रा को समर्थन देते हुए उसमें शामिल हुए हैं. यह यात्रा 23 मार्च को शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहीदी दिवस पर टीकरी बॉर्डर पहुंचेगी. पदयात्रा का अगला पड़ाव सोरखी गांव में होगा जहां से आसपास के किसान इसमें शामिल होंगे.
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पदयात्रा में शामिल सैकड़ों किसानों और मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि जिस तरह अंग्रेजी हुकूमत को शहीदों ने अपने लहू से सींच कर उखाड़ फेंका था उसी प्रकार यह पदयात्रा जिसमें सैकड़ों किसान, मजदूर शामिल हैं. केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी.
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पदयात्रा में आसपास के गांव से सैकड़ों किसान शामिल हुए थे. इस यात्रा में शहीद भगत सिंह की भांजी ने भी मंच साझा किया. उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि शहीदों ने हमें एक शिक्षा दी है. जब भी कोई आपत्ति आती है तो हमें एकजुट हो जाना चाहिए. इसलिए अब किसान, मजदूर के एकत्रित होने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के इस आंदोलन को दबा नहीं सकती.