हिसार:ऊंचे मनोबल से कोरोना जैसी घातक बीमारियों को भी को हराया जा सकता है. यह बात हिसार की बेटी पर्वतारोही शिवांगी पाठक पर सटीक बैठती है. शिवांगी माउंट ल्होत्से की चढ़ाई के दौरान कोरोना संक्रमित हो गईं. इतना ही नहीं उसका ऑक्सीजन लेवल सिर्फ 18 रह गया था. लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति के दम पर वह 10 दिन में ही स्वस्थ हो गईं.
बता दें कि स्वस्थ होने के बाद शिवांगी पाठक ने फिर से चढ़ाई शुरू कर दी है. बता दें कि शिवांगी पाठक ने 9 अप्रैल को माउंट ल्होत्से की चढ़ाई शुरू की थी. 15 अप्रैल को वह लोबुचे पहुंच गईं. जो कि बेस कैंप से एक कैंप नीचे है. शिवांगी एक रात वहीं रुक गईं.
शिवांगी पाठक ने अगले दिन बेस कैंप से नीचे गोरख शेप पहुंचकर अपनी मां आरती पाठक को फोन किया और कहा कि मम्मी मेरी तबीयत खराब हो रही है. मेरा बुखार नहीं उतर रहा है और खाना भी नहीं पच रहा है. इस दौरान माता आरती पाठक ने बेटी को दवाई लेने की बात कही. लेकिन शिवांगी ने हिम्मत नहीं हारी और जैसे-तैसे वह बेस कैंप पहुंच गईं. जो कि 5364 मीटर की ऊंचाई पर है. अगले दिन एक रात वहीं रुकी.
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