हिसार: केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध के सुर उठ रहे हैं. केंद्र सरकार बिल को संसद में लेकर आई जहां बहुमत मिलने पर कानून बन गया है. कानून बनने पर देश के कई राज्यों में इसका भीषण विरोध शुरू हुआ. विरोध ने इतना उग्र रूप ले लिया कि देश के हजारों करोड़ की राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान हुआ है.
छात्रों ने निकाला मार्च
देश और प्रदेश के विश्वविद्यालय भी सीएए के विरोध से अछूते नहीं रहे. दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में भी एक्ट का विरोध हुआ. विरोध के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच विवाद ने एक अलग रूप ले लिया है. जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के समर्थन और एक्ट के विरोध में हिसार की गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने मार्च निकाला.
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इस विरोध प्रदर्शन की छवि अलग ही देखने को मिली. चंद कदमों के दूरी पर कुछ छात्रों ने शांति से इस बिल का विरोध किया तो वहीं कुछ अखिल भारतीय विद्यार्थि परिषद के छात्रों ने बिल का समर्थन किया. साथ ही छात्रों ने पुलिस की कार्रवाई को भी जयज ठहराया.
बिल के समर्थन में एबीवीपी छात्र
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव कादियान ने कहा कि नागरिक संशोधन एक्ट का विरोध नहीं किया जाना चाहिए. जब भारत पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान जिंदाबाद और कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा लहराया जाता था ये वही लोग हैं जो घुसपैठ करके भारत आए हैं. सरकार केवल इनको ही बाहर करना चाहती है. उनके संगठन एनआरसी और सीएए के समर्थन में ध्वज यात्रा निकाली है.
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छात्र नेता अमरजीत ने कहा कि सभी छात्र संगठनों ने मिलकर जामिया में सरकार के आदेशों पर पुलिस की गलत कार्यवाही के विरोध में प्रदर्शन किया है. वहीं सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट का विरोध भी किया जा रहा है. धर्म के आधार पर यदि उत्पीड़न किया जाएगा तो आम आदमी कहां जाएगा. देश के यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई विश्वविद्यालयों ने सरकार के दबाव में आकर छात्रों को इस एक्ट का विरोध करने की स्वीकृति नहीं दी है.