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हिसार में बकाया बिजली बिल 525 करोड़ रुपये, सरकारी विभाग भी पीछे नहीं

बिजली के बकाया बिलों का भुगतान करने वाले गांव को बिजली संबंधी सुविधाएं देने और समस्याओं को प्रमुखता से दूर करने की बात बिजली मंत्री की तरफ से बैठक में की गई. प्रदेश में आम लोग ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों के बिजली बिल भी बकाया हैं.

hisar electricity defaulting amount
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Published : Jan 10, 2020, 6:20 PM IST

हिसार:हरियाणा की मनोहर सरकार पार्ट 2 में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला बिजली विभाग को घाटे से उबारने के लिए और बकाया बिजली बिलों को लेकर गंभीर हैं. बिजली मंत्री ने ग्रामीण इलाकों में बिजली भुगतान न करने पर विभाग की तरफ से डिफाल्टर घोषित किए जा चुके गांव के प्रमुख व्यक्तियों के साथ बैठक कर उन्हें बिजली बिल भरने का आह्वान किया है. बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने पहली बार इस प्रकार की बैठकों का आयोजन किया है. इसे बिजली पंचायत का नाम दिया गया है.

हिसार में हुई थी पहली बैठक

बिजली पंचायत कार्यक्रम के तहत प्रदेश में पहली बैठक हिसार में हुई थी, जिसमें हिसार और फतेहाबाद जिले के गांव से प्रमुख लोग पहुंचे थे. बिजली के बकाया बिलों का भुगतान करने वाले गांव को बिजली संबंधी सुविधाएं देने और समस्याओं को प्रमुखता से दूर करने की बात बिजली मंत्री की तरफ से बैठक में की गई. प्रदेश में सिर्फ घरेलू, औद्योगिक, और ट्यूबवेल के बिजली बिल ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों के बिजली बिल भी बकाया हैं. पूरे प्रदेश की बात की जाए तो प्रदेश में लगभग 360 करोड रुपये विभिन्न सरकारी विभागों ने बिजली विभाग के चुकाने हैं.

हिसार के लोगों पर बिजली का बकाया बिल, देखें वीडियो

प्रदेश में बकाया बिजली का बिल

बकाया बिजली बिलों को लेकर यदि पूरे प्रदेश के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ये 2090 करोड रुपये हैं. वहीं प्रदेश में लगभग 95 करोड रुपये ट्यूबवेलों का बिजली बिल भी बकाया है. सिर्फ हिसार जिले के बिजली बिलों की बकाया राशि की लगभग 525 करोड़ रुपये है. हिसार जिले का ये डिफॉल्टिंग अमाउंट लगभग 95 गांव का है. बिजली विभाग समय-समय पर उपभोक्ताओं के लिए बकाया बिल जमा करवाने को लेकर बकाया बिजली बिलों की राशि में छूट देता रहा है फिर भी लोगों ने अपने बिजली के बिल जमा नहीं किए हैं.

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अब देखने वाली बात होगी कि वर्तमान बिजली मंत्री इस डिफॉल्टिंग अमाउंट को कितना कम कर पाते हैं? या फिर इसमें निरंतर इजाफा होता रहेगा. वहीं किसानों और आम बिजली उपभोक्ताओं के साथ-साथ सरकारी विभागों के बकाया बिलों को लेकर किस प्रकार की सख्ती बरती जाएगी? या सरकार सिर्फ किसानों और आम उपभोक्ताओं पर ही सख्ती दिखाएगी.

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