हिसार: हर साल देश में लाखों लोग सिर्फ सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा देते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा संख्या उन लोगों की होती है जो नशा करके गाड़ी चलाते हैं, लेकिन नशा करके वाहन चलाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक छात्र ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है. जिससे सड़क हादशों पर काफी लगाम लगेगा. हम ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसने कम उम्र में ही अपने दिल की सुनी और आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जाना पहचाना नाम है.
इनकी कहानी भारत के एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है कि, क्या बस्ते के बढ़ते बोझ और क्लास में फर्स्ट आने की गला काट प्रतियोगिता से ही शोहरत और ज्ञान हासिल किया जा सकता है. ये कहानी है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे मोहित कुमार का. इनकी उम्र 20 साल है और ये भिवानी के रहने वाले हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से तैयार है सॉफटवेयर
मोहित ने बताया कि उन्होंने सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए लेटेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया है. इस सॉफ्टवेयर की खासियत ये है कि अगर आप सीट बेल्ट नहीं लगाते हो. तो आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी. मोहित ने बताया कि देश में सड़क हादसों की वजह से हर साल लाखों मौतें होती हैं. इसको रोकने के लिए उन्होंने ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है. जो आपके कार में बैठते ही बता देगी कि आपने शराब पी है कि नहीं. इस सॉफ्टवेयर का नाम है पल्स सॉफ्टवेयर. मोहित ने बताया कि अगर आपने 0.08 फीसदी से ज्यादा एल्कोहल पीए रहेंगे. तो गाड़ी नहीं स्टॉर्ट होगी.
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