हिसार: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. इस दौरान रोडवेज कर्मचारियों ने एक कार्यकर्ता सम्मेलन का भी आयोजन किया. जिसमें कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो रोडवेज कर्मचारियों को आदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले दिनों पेट्रोल पर 13 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगाई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत कम होने के बाद भी सरकार पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में लगातार वृद्धि कर रही है. जिससे परिवहन उद्योग तबाह होने के कगार पर है. तेल कंपनियों ने 17 दिनों में डीजल और पेट्रोल के दाम लगभग 11 व 10 रुपये बढ़ा दिए हैं. जिससे सार्वजनिक परिवहन और परिवहन से जुड़े लोगों को भारी घाटा होगा. वहीं आम जनता पर महंगाई की मार पड़ेगी.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन ये भी पढ़ें: 'युवाओं के लिए जल्द बनेगा नया रोजगार भवन, रोजगार पोर्टल की भी होगी शुरुआत'
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कहा कि शुक्रवार को हिसार में कार्यकर्ता सम्मेलन किया गया है. जिसमें रोडवेज की नीतियों की पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा रोडवेज को निजी हाथों में दे रही है. जिसका कर्मचारी विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते है कि सरकार बसों के निजी परमिट रद्द करें और रोजवेज में 14 हजार नई बसें शामिल करें. अगर सरकार उनकी मांगे नही मानती है तो रोडवेज कर्मचारी पूरे प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगा.
बता दें कि, शुक्रवार को डीजल कीमतों में लगातार 19वें दिन बढ़ोतरी की गई है. इस तरह 19 दिन में डीजल 10.63 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है. वहीं, पेट्रोल के दाम 16 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं. डीजल की कीमतों में लगातार होती बढ़ोतरी के चलते भारत के इतिहास में पहली बार पेट्रोल से डीजल महंगा हो गया है. तेल की कीमतों में लगातार होती बढ़ोतरी के चलते विपक्ष भी अब बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. पूरे देश में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं.