हिसार: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का बजट 2022-23 पेश कर दिया. कोरोना वायरस संकट से उबर रही अर्थव्यवस्था में हर सेक्टर की अपनी-अपनी मांगे थी. बजट से हर वर्ग के लोगों को उमीदें थी. वित्त मंत्री ने अपने बजट में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. लेकिन हरियाणा के किसान बजट से खुश नहीं (Agriculture Budget 2022) है.
किसानों का कहना है कि सरकार यह बजट केवल सुनने के लिएअच्छा है. किसानों को उम्मीद थी कि इसमें एमएसपी को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जाएगी लेकिन एमएसपी को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई. वहीं एक अन्य किसान ने कहा कि इस बजट के जरिए सरकार वापस लिए गए तीनों कृषि कानूनों को एक नया रूप दे रही है. बजट में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए किसानों को आधुनिक खेती के लिए मदद देने की बात की गई है जो फिर से इस चित्र में प्राइवेट कंपनियों को उतारने की तैयारी है.
बजट में कृषि को लेकर की गई घोषणाओं से नाखुश हैं हिसार के किसान, बताया जीरो बजट एमएसपी सीधे खाते में देने की बात को लेकर किसानों ने कहा कि कैसे सरकार एमएसपी किसानों को देगी उसकी रूपरेखा भी बताएं. हमे शक है कि जिस तरह बाजरा नहीं खरीदा गया.धान नहीं खरीदा गया उस तरह इस बार अनाज भी नहीं खरीदा जाएगा. सरकार की नीतियां उद्योगपतियों से जुड़ी हुई है. अब किसानों के क्रेडिट कार्ड भी प्राइवेट कंपनियों के जरिए जुड़ेंगे. किसानों की जमीन नीलाम हो जाएंगी जैसी कि राजस्थान में की गई है.
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पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को लेकर किसान ने कहा कि सरकार द्वारा वापस लिए गए तीनों कानूनों में यही प्रावधान था. अगर किसान इस पार्टनरशिप के तहत खेत में शेड बनाएगा. इसके अलावा अन्य संसाधन लगाएगा तो उनका जो लोन है वह कौन भरेगा. अगर कंपनी कॉन्ट्रैक्ट के तहत बीच में ही करार तोड़ देती है तो किसान का हर्जाना कौन भरेगा. हरियाणा में खाद को लेकर बड़ी मारामारी हो रही है लेकिन सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर रही.
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ज्यादातर किसानों ने इस बजट को किसानों के लिए जीरो बजट बताया है. किसानों ने कहा कि बहुत सी योजनाओं में किसानों के लिए बजट की कटौती की गई. इसके साथ ही किसानों को उम्मीद थी कि किसानों को दी जाने वाली सम्मान राशि भी बढ़ाई जाएगी. एमएसपी को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जाएगी लेकिन बजट से किसानों को कुछ हासिल नहीं हुआ. हिसार के प्रमुख किसान नेताओं की माने तो यह बजट किसानों के हित में नहीं है.
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