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फिरोज शाह तुगलक की प्रेम निशानी है हिसार का गुजरी महल, जानें इसका इतिहास

हिसार का गुजरी महल प्रेम की उस निशानी को दर्शाता है, जिसमें प्रेम के वशीभूत होकर दिल्ली के बादशाह फिरोजशाह तुगलक ने अपने दरबार को दिल्ली से हिसार में लाने को मजबूर कर दिया था. फिरोजशाह तुगलक ने गुजरी के प्रेम में सन 1354 में गुजरी महल का निर्माण करवाया था. इतिहासकार प्रो. महेंद्र सिंह से जानें गुजरी महल की इतिहास.

Gujari Mahal of Hisar
Gujari Mahal of Hisar

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Published : Mar 10, 2022, 4:45 PM IST

हिसार:हरियाणा के हिसार में स्थित गुजरी महल आज भी बादशाह सुल्तान फिरोज शाह तुगलक और उनकी प्रेमिका गुजरी की अमर प्रेम कथा को गुनगुनाता है. गुजरी महल की इमारत भले ही आगरा के ताजमहल जैसी भव्य न हो, लेकिन दोनों के निर्माण का आधार प्रेम ही था. सन 1354 में फिरोज शाह तुगलक ने अपनी प्रेमिका गुजरी के प्रेम में हिसार का गुजरी महल (Gujari Mahal of Hisar) बनवाया था. 675 साल पहले 1354 में फिरोजशाह तुगलक द्वारा बनवाया गया गुजरी महल राजा फिरोजशाह का एक गुजरी के साथ प्रेम का गवाह है.

गौतलब है कि भारतीय इतिहास ऐसी ढेरों कहानियों से भरा पड़ा है, जिनके बारे में आज तक लोगों को पूरे तरीके से जानकारी नहीं है. आज के समय जब हम प्रेम विवाह, अंतर्जातीय विवाह करने के बारे सोचते है. वहीं इतिहास के पन्नों में कई ऐसे राज दफन है, जिनके बारे में पढ़ने से पता चलता है कि प्रेम उस समय भी सर्वोपरि माना जाता है. इन्हीं में से एक है हिसार का गुजरी महल, जिसे दिल्ली के बादशाह फिरोजशाह तुगलक ने दूध बेचनेवाली गुजरी के लिए बनवाया था.

प्रेम कहानी का गवाह है हिसार का गुजरी महल, प्रेमिका के लिए दिल्ली बादशाह ने करवाया था निर्माण

दो साल में बनकर तैयार हुआ था गुजरी महल-इतिहासकार प्रोफेसर महेंद्र सिंह ने बताया कि एक दिन सम्राट फिरोजशाह तुगलक (Firoz Shah Tughlaq) शिकार पर निकले थे. इस दौरान उनको घने जंगल में पानी की प्यास लगी थी, लेकिन यहां पर पानी की बहुत ज्यादा कमी थी. क्योंकि यहां की जमीन रेतली और उबड-खाबड़ थी. सम्राट फिरोजशाह तुगलक को इतनी ज्यादा प्यास लगी थी, कि वह घोड़े से नीचे गिरकर बेहोश हो गए. इस दौरान वहां से एक गुजरी नाम की लड़की जा रही थी. जो दूध का काम करती थी. जब गुजरी ने बादशाह फिरोजशाह तुकलक को बेहोश पड़ा हुआ देखा, तो उसने सम्राट फिरोजशाह तुगलक को दूध पिलाया. जिससे सम्राट फिरोजशाह तुगलक को होश आ गया.

हिसार का गुजरी महल

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इसके बाद सम्राट फिरोजशाह तुगलक का वहां आना-जाना हो गया था. सम्राट फिरोजशाह तुगलक जब भी शिकार पर जाता उन गुजरो की बस्ती में जरुर जाता था और सम्राट फिरोजशाह तुगलक और गुजरी की अच्छी दोस्ती हो गई थी. उसके बाद जब फिरोजशाह तुगलक गद्दी पर बैठे, तो उन्होंने गांव जाकर गुजरी से शादी का प्रस्ताव रखा और फिरोज शाह ने जब इनसे कहा कि वह उसके साथ दिल्ली के सिंहासन चले तो गुजरी ने मना कर दिया. गुजरी ने शादी के लिए हां कर दी तो सम्राट ने अपना दरबार दिल्ली से हिसार में कर दिया और गुजरी के रहने के लिए यह विशेष महल बनवाया था.

गुजरी महल की विशेषताएं-गौरतलब है कि गुजरी महल एक विशाल आयताकार मंच पर खड़ा है. भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा इसको एक केन्द्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है. गुजरी महल को बनाते समय इसमे काले पत्थरों का प्रयोग किया गया है और दीवारों को बहुत ज्यादा चौडी बनाया गया था. इसके साथ ही गुजरी महल में पानी को इकठा करने के लिए एक पक्का तलाब बनाया गया था. जिससे महल में पानी की पूर्ति की जाती थी. इस महल को बहुत ही सुंदर बनाया गया था.

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