हिसार:हरियाणा में कैश फॉर सीएलयू केस (Cash For CLU Case in Haryana) में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने भुवनेश ईलावादी को गिरफ्तार किया है. आरोपी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट अभिषेक चौधरी की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इससे पहले वह एक दिन की पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में रहा था.
मामले की जानकारी देते हुए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (State Vigilance Bureau) के एक अधिकारी ने बताया कि साल 2013 में धर्मेंद्र कोहाड़ नाम के एक व्यक्ति ने स्टिंग ऑपरेशन किया था. स्टिंग ऑपरेशन के धर्मेंद्र कोहाड़ किसी विधायक का नाम लेकर डील कर रहा था कि मैं आपका काम करवा दूंगा और आप मेरे को इतने पैसे दोगे. इसके बाद धर्मेंद्र कोहाड़ इस स्टिंग की सीडी बनाकर विपक्ष के नेताओं को दे (CLU CD scandal in Haryana) दी. उस दौरान विपक्ष के नेताओं ने इस बात की शिकायत हरियाणा लोकायुक्त (Haryana Lokayukta) से की. इस शिकायत में कहा कि कुछ विधायक सीएलयू कराने के लिए पैसे लेते हैं. इसके बाद हरियाणा लोकायुक्त ने इस मामले की जांच करवाई.
जांच रिपोर्ट आने के बाद 29-1-2016 को इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया. इसके बाद इसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने हैदराबाद और चंडीगढ़ एफएसएल से सीडी और आवाज के नमूनों की जांच करवाई. इसमें भुवनेश ईलावादी की आवाज मैच हो गई. इसके बाद 27 अगस्त 2022 को स्टेट विजिलेंंस ब्यूरो भुवनेश ईलावादी को गिरफ्तार (State Vigilance Bureau arrested Bhuvnesh Elawadi) किया. इसके बाद इसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट से एक दिन की रिमांड मिली. इसके बाद भुवनेश को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया है जहां से कोर्ट ने भुवनेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
क्या है मामला-सितंबर 2013 में ये कैश फॉर सीएलयू (Cash For CLU Case in Haryana) तब सुर्खियों में आया था जब इनेलो ने कुछ पूर्व विधायकों की सीडी जारी कर कई संगीन आरोप लगाए थे. धर्मेंद्र कोहाड़ नाम के व्यक्ति ने स्टिंग ऑपरेशन करके सीडी इनेलो को दी थी. सीडी में हांसी के पूर्व विधायक विनोद भयाना और भुवनेश ईलावादी दिख रहे थे. इसके बाद इनेलो ने सीएलयू के नाम पर पैसे मांगने का आरोप लगाया था. इसके बाद साल 2016 में विजिलेंस ब्यूरो ने हरियाणा लोकायुक्त के आदेश पर मामला दर्ज किया था. एफआईआर में कुल पांच लोगों के नाम दर्ज किए गए थे. जिनमें पूर्व मुख्य संसदीय सचिव विनोद भयाना (पहले कांग्रेस विधायक), कांग्रेस के पूर्व विधायक राम निवास घोरेला और नरेश सेलवाल और जरनैल सिंह के नाम शामिल हैं. फिलहाल इन पूर्व विधायकों की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है.