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पानी के मुद्दे पर भड़के किसान, काटी सिंचाई विभाग की बिजली

हिसार के किसानों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. किसान सिंचाई विभाग के दफ्तर पहुंच गए. यहां दफ्तर के अंदर ही किसान धरने पर बैठ गए. इस दौरान किसानों ने दफ्तर की बिजली भी काट दी.

farmers protest in hisar Irrigation Department

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Published : Sep 18, 2019, 10:56 PM IST

हिसार: विधानसभा चुनाव से पहले हलके में पानी के मुद्दे को लेकर भड़के किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. किसानों ने सिंचाई विभाग के कार्यालय में पानी को लेकर जमकर हंगामा किया. बीड़ माइनर के किसानों ने टेल तक पानी देने की मांग को लेकर नारेबाजी की.

किसानों ने काटी सिंचाई विभाग की बिजली
हिसार मेजर डिस्ट्रीब्यूट्री में पानी न होने पर भड़के भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने सिंचाई विभाग के एक्सईएन का घेराव किया. पांच घंटे तक कार्यालय की बिजली बंद रखी. नायब तहसीलदार और पुलिस के समझाने के बाद भी किसान नहीं माने और कार्यालय में डटे रहे. एक्सईएन फिर से कार्यालय में पहुंचे और पानी देने का आश्वासन दिया. जिसके बाद किसान धरने से उठे.

सूख रहे किसानों के खेत
किसानों का कहना है कि हिसार मेजर डिस्ट्रीब्यूट्री में पिछले दो दिनों से पानी नहीं है. किसानों को उचित पानी चाहिए, जिससे कि उनकी फसल बढ़िया हो. दो दिन पहले डिस्ट्रीब्यूट्री में पानी था, लेकिन वित मंत्री के कहने पर पानी को सुंदर ब्रांच में भेज दिया गया. जिससे किसानों को समस्या हो रही है. किसानों के खेत सूख रहे हैं. अगर अधिकारियों से इस बारे में पूछा जाता है तो वह कहते हैं कि पीछे से पानी नहीं आ रहा है.

सिंचाई विभाग में धरने पर बैठे किसान, देखें वीडियो

सिंचाई विभाग नहीं कर रहा किसानों की परेशानी का हल
किसानों ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों से इस बारे में कई बार शिकायत की है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. जबकि यमुना में हजारों क्यूसिक पानी छोड़ा गया. इसके बावजूद भी पानी नहर में नहीं आ रहा है. किसान अपनी इस मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सिंचाई विभाग के कार्यालय में पहुंचे.

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किसानों ने किया एक्सईएन का घेराव
वहां पहुंचे किसानों ने पहले सिंचाई विभाग के एक्सईएन संदीप माथुर के कार्यालय का घेराव किया. किसान उनके कार्यालय के बाहर बैठ गए. कार्यालय की बिजली काट दी गई. किसानों का कहना है कि वे पूरे दिन गर्मी में रहते हैं. कुछ समय अधिकारी और कर्मचारी भी गर्मी में बैठे तो उन्हें पता चलेगा. किसानों ने एक्सईन को उनके कार्यालय से बाहर नहीं जाने दिया.

दोबारा धरने पर एक्सईएन ने किसानों को समझाया
जब किसानों ने अधिकारियों को वहां से जाने नहीं दिया तो पुलिस ने मामला दर्ज करने की चेतावनी दी, लेकिन किसान नहीं माने. किसानों ने कहा कि एसडीएम वहां आएं, एक्सईएन कई बार किसानों को झूठा आश्वासन दे चुके हैं.

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