हिसार:अक्सर हम नकली पनीर, घी और कई मिलवाटी सामनों की खबरें सुनते रहते है. लेकिन हरियाणा में नकली डीजल भी (Fake diesel business in Haryana) मिलने लगा है. दरअसल प्रदेश में गुजरात से बेस ऑयल लाया जाता है, जिसे डीजल बताकर वाहन चालकों को ठगने का काम किया जा रहा है. इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले इस बेस ऑयल में केमिकल मिलाकर उसका रंग बदलकर पतला बनाया जाता है. जो दिखने में डीजल की तरह ही लगता है. लेकिन गाड़ियों के साथ-साथ प्रदूषण के लिये भी काफी खतरनाक माना जाता है.
दरअसल जिस बायो डीजल को असली कहकर बेचा जाता है, वो डीजल नहीं बल्कि बेस ऑयल (base oil Haryana) होता है. जिसमें केमिकल मिलाकर उसे डीजल की तरह रंग और पतला बनाया जाता है. बता दें कि ये बेस ऑयल इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए होता है, जो ल्यूबरिक्रेंट ग्रीस और पेंट बनाने में काम आता है. लेकिन इसे गाड़ियों, जनरेटर, ट्रकों में इस्तेमाल करने के लिए बेच दिया जाता है और लोग सस्ते के चक्कर में इसे खरीद लेते हैं. जिससे उनके वाहनों को तो नुकसान होत ही है, इसके साथ-साथ पर्यावरण के लिये भी काफी नुकसानप्रद माना जाता है. इस गोरखधंधे को लेकर जब हमने फ्यूल और डीजल इंजन से जुड़े एक्सपर्ट से बातचीत की तो सामने आया कि प्रदेश में यह बायो डीजल के नाम पर बेचा जा रहा है. इतना ही नहीं इसे पूरे लीगल तरीके से जीएसटी पे करके लाया जाता है और फिर 30 रुपये सस्ता मार्केट में बेच दिया जाता है.
बेस ऑयल इंडिया में ज्यादातर विदेशों से मंगवाया जाता है और यह गुजरात के बंदरगाहों पर समुद्री रास्ते से पहुंचता है. इसके बाद वहां से इंडस्ट्रियल प्रयोग के लिए ग्रीस ल्यूब्रिकेंट और पेंट बनाने वाली कंपनियां जीएसटी भरकर पक्के बिल के साथ इसे हरियाणा में लेकर आती है. इस तेल माफिया की जब कोई भी गाड़ी ट्रांसपोर्ट करती है तो उसके पास बेस ऑयल का पक्का बिल होता है. जिससे पुलिस भी उन्हें रोक नहीं पाती और यह पूरी तरह से लीगल बन जाता है. इसके बाद इन ट्रकों को छोटे शहरों में गैर कानूनी गोदाम बनाकर बिना रोक-टोक सप्लाई किया जाता है.
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असली डीजल से है 30 रूपये सस्ता
नकली डीजल के नाम पर बेस ऑयल बेचे जाने से सरकार को भारी नुकसान होता है. बेस ऑयल पर नाम मात्र जीएसटी होता है. इसलिए यह असली डीजल से लोगों को 30 रूपये तक सस्ता मिलता है. नकली डीजल अवैध बेचने से न तो सरकार को कोई टैक्स मिलता न ही कोई रिकॉर्ड होता है. जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान सरकार को होता है.
हरियाणा पैट्रोल पंप एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एनसी गुप्ता ने बताया कि इस काले कारोबार में बड़ी-बड़ी कंपनियां मिली हुई है. बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियों के डीजल पंप खुले हुए हैं और उनके पास सारे संसाधन हैं. वही लोग इसका बड़े स्तर पर उपयोग करते हैं. वहां पर बेस ऑयल के टैंकर को खाली करवाकर ट्रकों में डीजल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और दूसरा सबसे बड़ा प्रयोग माइनिंग में होता है. वहां ट्रकों में और जरनेटरोंं में बेस ऑयल का प्रयोग बड़े स्तर पर करते हैं.