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हरियाणा में पनप रहा नकली डीजल का धंधा, बायो डीजल बताकर बेचा जा रहा बेस ऑयल - haryana news in hindi

हरियाणा में नकली डीजल का गोरखधंधा चल (Fake diesel business in Haryana) रहा है. जिसके चलते पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ इस डीजल को उपयोग में लेने वाले की गाड़ियों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ता है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

Fake diesel business in Haryana
हरियाणा में पनप रहा नकली डीजल का धंधा, बायो डीजल बताकर बेचा जा रहा बेस ऑयल

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Published : Dec 30, 2021, 10:51 PM IST

Updated : Dec 30, 2021, 10:57 PM IST

हिसार:अक्सर हम नकली पनीर, घी और कई मिलवाटी सामनों की खबरें सुनते रहते है. लेकिन हरियाणा में नकली डीजल भी (Fake diesel business in Haryana) मिलने लगा है. दरअसल प्रदेश में गुजरात से बेस ऑयल लाया जाता है, जिसे डीजल बताकर वाहन चालकों को ठगने का काम किया जा रहा है. इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले इस बेस ऑयल में केमिकल मिलाकर उसका रंग बदलकर पतला बनाया जाता है. जो दिखने में डीजल की तरह ही लगता है. लेकिन गाड़ियों के साथ-साथ प्रदूषण के लिये भी काफी खतरनाक माना जाता है.

दरअसल जिस बायो डीजल को असली कहकर बेचा जाता है, वो डीजल नहीं बल्कि बेस ऑयल (base oil Haryana) होता है. जिसमें केमिकल मिलाकर उसे डीजल की तरह रंग और पतला बनाया जाता है. बता दें कि ये बेस ऑयल इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए होता है, जो ल्यूबरिक्रेंट ग्रीस और पेंट बनाने में काम आता है. लेकिन इसे गाड़ियों, जनरेटर, ट्रकों में इस्तेमाल करने के लिए बेच दिया जाता है और लोग सस्ते के चक्कर में इसे खरीद लेते हैं. जिससे उनके वाहनों को तो नुकसान होत ही है, इसके साथ-साथ पर्यावरण के लिये भी काफी नुकसानप्रद माना जाता है. इस गोरखधंधे को लेकर जब हमने फ्यूल और डीजल इंजन से जुड़े एक्सपर्ट से बातचीत की तो सामने आया कि प्रदेश में यह बायो डीजल के नाम पर बेचा जा रहा है. इतना ही नहीं इसे पूरे लीगल तरीके से जीएसटी पे करके लाया जाता है और फिर 30 रुपये सस्ता मार्केट में बेच दिया जाता है.

हरियाणा में पनप रहा नकली डीजल का धंधा, बायो डीजल बताकर बेचा जा रहा बेस ऑयल
कैसे चलता है गोरखधंधा

बेस ऑयल इंडिया में ज्यादातर विदेशों से मंगवाया जाता है और यह गुजरात के बंदरगाहों पर समुद्री रास्ते से पहुंचता है. इसके बाद वहां से इंडस्ट्रियल प्रयोग के लिए ग्रीस ल्यूब्रिकेंट और पेंट बनाने वाली कंपनियां जीएसटी भरकर पक्के बिल के साथ इसे हरियाणा में लेकर आती है. इस तेल माफिया की जब कोई भी गाड़ी ट्रांसपोर्ट करती है तो उसके पास बेस ऑयल का पक्का बिल होता है. जिससे पुलिस भी उन्हें रोक नहीं पाती और यह पूरी तरह से लीगल बन जाता है. इसके बाद इन ट्रकों को छोटे शहरों में गैर कानूनी गोदाम बनाकर बिना रोक-टोक सप्लाई किया जाता है.

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असली डीजल से है 30 रूपये सस्ता

नकली डीजल के नाम पर बेस ऑयल बेचे जाने से सरकार को भारी नुकसान होता है. बेस ऑयल पर नाम मात्र जीएसटी होता है. इसलिए यह असली डीजल से लोगों को 30 रूपये तक सस्ता मिलता है. नकली डीजल अवैध बेचने से न तो सरकार को कोई टैक्स मिलता न ही कोई रिकॉर्ड होता है. जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान सरकार को होता है.

नकली डीजल के इस्तेमाल से खराब गाड़ियां

हरियाणा पैट्रोल पंप एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एनसी गुप्ता ने बताया कि इस काले कारोबार में बड़ी-बड़ी कंपनियां मिली हुई है. बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियों के डीजल पंप खुले हुए हैं और उनके पास सारे संसाधन हैं. वही लोग इसका बड़े स्तर पर उपयोग करते हैं. वहां पर बेस ऑयल के टैंकर को खाली करवाकर ट्रकों में डीजल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और दूसरा सबसे बड़ा प्रयोग माइनिंग में होता है. वहां ट्रकों में और जरनेटरोंं में बेस ऑयल का प्रयोग बड़े स्तर पर करते हैं.

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वहीं ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 20 साल से काम रहे डीजल पंप एक्सपर्ट ओम प्रकाश ने बताया कि नकली डीजल के नाम पर राजस्थान और गुजरात में यह बहुत बड़ा कारोबार है. बेस ऑयल में केमिकल मिलाकर इसे डीजल की तरह बेचा जाता है. यह नकली डीजल सबसे पहले इंजन के डीजल पंप को खराब करता है. ओम प्रकाश ने बताया कि उनके पास रोजाना ऐसे केस आते हैं, जिनके डीजल पंप अंदर से बुरी तरह से जल जाते हैं और वो बताते हैं कि उन्होंने बायो डीजल का इस्तेमाल किया था.

फतेहाबाद के भूना में सीएम फ्लाइंग के रेड के दौरान जब्त 1.50 लाख लीटर नकली डीजल

ऐसा ही एक वाकया कई दिन पहले हिसार के पास चिडोद गांव में आया था जहां 60 लोगों के ट्रैक्टर एक साथ खराब हुए थे. उनसे पूछने पर पता चला कि उनके गांव में एक टैंकर आया था. जो सस्ते डीजल के नाम पर 60 रुपये लीटर में बेच गया. यह धंधा बड़े स्तर पर चल रहा है जिससे लोगों के वाहनों को तो नुकसान होता ही है. इसके साथ-साथ सरकार को टैक्स का और जनता को पर्यावरण का बेहद नुकसान हो रहा है.

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ज्यादा मात्रा में होता है सल्फर

इसे नकली डीजल कहे या फिर बेस ऑयल में नाइट्रस ऑक्साइड और सल्फर की मात्रा बेहद ज्यादा होती है. जिससे ये वाहनों में पूरी तरह से जलता नहीं और हवा में बेहद प्रदूषण करता है. इतना ही नहीं यह इसका धुआं इतना खतरनाक है कि अगर सीधे कोई व्यक्ति उसके संपर्क में आए जाए तो वो गंभीर बीमारी का शिकार हो सकता है.

गौरतलब है कि इस तरह के गोरखधंधे को लेकर हरियाणा पेट्रोल पंप एसोसिएशन कई बार सरकार को अवगत करवा चुका है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही. हाल ही में फतेहाबाद जिले के भूना कस्बे में नकली डीजल का एक बड़ा गोदाम मिला था. जिसमें सीएम फ्लाइंग ने करीब 1.5 लाख लीटर नकली डीजल पकड़ा था.

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Last Updated : Dec 30, 2021, 10:57 PM IST

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