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जानिए कौन है हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नए कुलपति डॉक्टर बीआर कंबोज - हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

डॉ. कंबोज को कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में हरियाणा की ओर से तीन साल का हब कोर्डिनेटर (सीनियर रिसर्च मैनेजर) का अनुभव भी है. इसके अलावा हरियाणा से संबंध रखने वाले डॉ. कंबोज को 26 वर्ष से भी अधिक का अध्यापन, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा की गतिविधियों का अनुभव भी है.

Haryana Agricultural University new Vice Chancellor
डॉ. बीआर कंबोज चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नए कुलपति होंगे

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Published : Apr 16, 2021, 10:34 PM IST

हिसार: डॉ. बीआर कंबोज चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नए कुलपति होंगे. यह फैसला शुक्रवार को विश्वविद्यालय के प्रबंधन मंडल की बैठक में लिया गया है. इससे पहले डॉ. कंबोज इसी विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर कार्यरत थे.

डॉ. कंबोज इसी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी रहे हैं और कुलसचिव बनने से पहले वो विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र यमुनानगर में वरिष्ठ संयोजक रह चुके हैं. वो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक हैं और उनकी बहुत सी रिसर्च पेपर अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.

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गौरतलब है कि पिछले 9 महीने से महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति प्रोफसर समर सिंह को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ था और प्रोफेसर समर सिंह ने 16 जुलाई को कार्यभार संभाला था.

मूल रूप से ग्रामीण अंचल से रखते हैं संबंध

मूल रूप से करनाल जिले के दाहा गांव के रहने वाले डॉ. बलदेव राज कंबोज ने प्रारंभिक शिक्षा राजकीय उच्च विद्यालय संघोहा जिला करनाल से पूरी की।. उन्होंने चौधरी चरण सिह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से ही स्नात्तक, स्नातकोत्तर और पी.एचडी.की डिग्री हासिल की.

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डॉ. कंबोज को कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में हरियाणा की ओर से तीन साल का हब कोर्डिनेटर (सीनियर रिसर्च मैनेजर) का अनुभव भी है. इसके अलावा हरियाणा से संबंध रखने वाले डॉ. कंबोज को 26 वर्ष से भी अधिक का अध्यापन, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा की गतिविधियों का अनुभव भी है.

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इनके पूरे सेवाकाल में विस्तार शिक्षा की गतिविधियों का अनुभव इनका सबसे ज्यादा है और वो किसानों की आम समस्याओं, उनकी जरूरतों और उनके आर्थिक-सामाजिक स्तर से अच्छी तरह से वाकिफ हैं. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ सामूहिक रूप से अनुसंधान कार्य और विस्तार गतिविधियों के चलते उनके द्वारा की गई सिफारिशों को विश्वविद्यालय की समग्र सिफारिशों में शामिल किया गया है.

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