हिसार-हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सोमवार को नारनौद के जलभराव वाले गांवों का दौरा करने (Narnaud waterlogged villages) पहुंचे. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को जल्द से जल्द पानी की निकासी किए जाने की सख्त हिदायत दी. उन्होंने कहा कि जब तक पानी की निकासी नहीं होती तब तक एसडीएम कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए. इसके अलावा डिप्टी सीएम निर्देश दिए कि जब तक की गांवों में जल निकासी नहीं होती तब तक सभी बेलदार केवल जल निकासी का ही कार्य करेंगे.
जलभराव को लेकर डिप्टी सीएम बोले- प्राकृतिक आपदा के सामने विधायक हो या मंत्री कोई कुछ नहीं कर सकता - Waterlogging in Mirchpur village
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को नारनौंद हलके का दौरा कर बरसाती पानी निकासी प्रबंधों का निरीक्षण (Deputy CM Dushyant Chautala Visit Narnaud) किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द पानी निकालने के आदेश दिए.
![जलभराव को लेकर डिप्टी सीएम बोले- प्राकृतिक आपदा के सामने विधायक हो या मंत्री कोई कुछ नहीं कर सकता Narnaud waterlogged villages](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-15990348-thumbnail-3x2-kk.jpg)
डिप्टी सीएम ने बारिश से खराब हुई फसल के आंकलन के लिए 5 अगस्त से गिरदावरी का कार्य शुरू करने की बात कही. इसके अलावा डिप्टी सीएम ने जल जनित बीमारियों के फैलने की आशंका के मद्देनजर सीएमओ डॉक्टर रत्ना भारती को प्रत्येक गांव में फॉगिंग करने, ओआरएस और अन्य दवाएं उपलब्ध करवाने और मेडिकल टीम गठित कर गांव वालों के स्वास्थ्य की जांच करवाने के निर्देश दिए.
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पानी निकालने में समय लगने के सवाल पर कहा कि उचाना, नारनौंद, हांसी और भवानी खेड़ा के इन गांव में यह प्राकृतिक रूप से समस्या है कि पानी यहां आकर खड़ा होता है यहां भौगोलिक लेवल कटोरी की तरह है. बारिश भी बेहद अधिक हुई है. उचाना में पिछले दिनों 8 घंटे में 110 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है. इतना पानी निकालना आसान बात नहीं है. प्रकृतिक आपदा के आगे कोई विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर सकता. हम प्रयास कर रहे हैं कि सारी मशीनरी का प्रयोग कर जल्द से जल्द पानी निकाला जाए.
गुराना गांव में अत्यधिक जलभराव के मद्देनजर उन्होंने सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता को पाइपलाइन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की हिदायत दी. इसके लिए उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोटे से 30 लाख रुपये की ग्रांट दी. डिप्टी सीएम ने कहा कि गांव के लोगों को ट्रैक्टर पर बर्मा लगाकर नहर में पानी डालने की भी अनुमति दी जाए. इससे प्रत्येक गांव में 10 से 20 ट्रैक्टर जल निकासी के कार्यों में लग जाएंगे. जल निकासी के कार्य में लगने वाले ट्रैक्टर मालिकों को रेट फिक्स करके खर्च की अदायगी की भी जाएगी. मिर्चपुर गांव में जलभराव की स्थिति (Waterlogging in Mirchpur village) का दौरा करते हुए उन्होंने मौके पर ही पाइप मंगवाए और जल निकासी का कार्य आरंभ करवाया. डिप्टी सीएम ने कोथकला, मिर्चपुर, राखी ख़ास, बास, खरबला व अन्य गांवों में किसानों को आश्वासन दिया कि जल निकासी का कार्य जल्द से जल्द कर लिया जाएगा.