हिसार: हिसार में केंद्र सरकार के निजीकरण के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने जमकर प्रदर्शन किया. पार्टी के नेता सुरेश कुमार ने कहा कि मोदी सरकार पिछले कई दशकों में जनता के खून पसीने की कमाई से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों को पूंजीपतियों के हाथों में देने का षडय़ंत्र रच रही है.
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उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से करोड़ों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने क्रांतिमान पार्क से शुरू हुए अपने प्रदर्शन के दौरान कहा कि पूरे देश में मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने एक सप्ताह के लिए विभिन्न मुद्दों पर प्रदर्शन करने का अभियान चलाया है. सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना की आड़ में केंद्र सरकार जनता के साथ धोखा देने का काम कर रही है.
शराब और रजिस्ट्री घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग
उन्होंने का केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कोरोना राहत के नाम पर 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की गई थी, उसका अब तक किसी को लाभ नहीं हुआ. केन्द्र सरकार के कृषि से जुड़े तीन अध्याधेश किसानों को बर्बाद करने का काम करेंगे. इसके अलावा अनेक मुद्दे हैं, जिनको लेकर उनकी पार्टी आंदोलन कर रही है. उन्होंने सरकार से शराब, रजिस्ट्री, चावल घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाने की भी मांग की है.
बर्खास्त पीटीआई टीचरों के हक में उठाई अवाज
इसके अलावा बर्खास्त पीटीआई टीचरों की नौकरी बहाली और फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा को रद्द करवाने की मांग की. मजदूर के हक में आवाज उठाते हुए कहा कि सरकार अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक कानून को खत्म करने की बजाय मजबूती प्रदान करे. इतना ही नहीं श्रमिक कानूनों को खत्म करने, बदलने, स्थगित करने आदि के तमाम प्रस्ताव वापस लेने की भी मांग की है.
कम्यूनिस्ट पार्टी ने मनरेगा मजदूरों की भी बात कही है. पार्टी ने कहा है कि मनरेगा के तहत काम के दिन 200 और दिहाड़ी 600 रुपये मजदूरी की जाए और सभी जरूरतमंदों को 10 किलो प्रति व्यक्ति की दर से मुफ्त में राशन बांटा जाना चाहिए. राज्य सरकार को जनस्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाना चाहिए, ताकि सरकार द्वारा संचालित जन स्वास्थ्य सेवाओं को गांव और मोहल्ला स्तर तक मजबूती प्रदान मिल सकें.
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सबसे बढ़ी मांग निजीकरण को रोकने को लेकर है. सुरेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार बिजली, रेल, रोडवेज, पैट्रोलियम, कोयला, बैंक और प्रतिरक्षा उत्पादन सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण रद्द करे. ये भी मांग है कि प्रधानमंत्री के नाम पर प्राइवेट ट्रस्ट में जमा सारा धन, राज्यों को हस्तांतरित किया जाए, जिनकी महामारी से मुकाबले में अग्रणीय भूमिका है.