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हिसार में मजदूरों ने प्रदर्शन कर CM के नाम सौंपा ज्ञापन, जानें क्या है मुख्य मांगे - cwfi प्रदर्शन हिसार न्यूज

मंगलवार को हिसार में सीटू के बैनर तले निर्माण मजदूरों ने प्रदर्शन किया. मजदूरों ने उपायुक्त कार्यालय तक रोष मार्च निकालकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है.

citu workers protest in hisar
हिसारः भवन निर्माण मजदूरों ने प्रदर्शन कर CM के नाम सौंपा ज्ञापन

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Published : Jul 14, 2020, 2:00 PM IST

हिसारःभवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा के नेतृत्व में आज यूनियन की जनसभा हुई. इस दौरान सी.डब्लयू.एफ.आई के राष्ट्रीय आह्वान पर हिसार में तहसील कमेटी ने जोरदार प्रदर्शन किया. जिसकी अध्यक्षता तहसील प्रधान रणधीर सातरोड़ ने की. प्रदर्शन करते हुए सभी निर्माण मजदूर 2 लाइनों में जूलूस के रूप में सरकार विरोधी नारे लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय पहुंचे.

उपायुक्त कार्यालय पर मजदूरों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम सौंपा है. सीटू जिला अध्यक्ष कामरेड सुरेश कुमार और भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा के राज्य अध्यक्ष कामरेड देशराज ने कहा कि हरियाणा मंत्रिमंडल का 6 जुलाई को किया गया फैसला मजदूरों के लिए एक नया कहर लेकर आएगा. जिसका मतलब है कि 3 साल से ज्यादा समय के लिए किसी भी प्रकार के श्रम कानून नए उद्योगो में लागू नहीं होंगे.

उनका कहना है कि सरकार ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की दो धाराओं 5(ए), 36 (सी) को 1000 दिन तक सस्पेंड करने को लेकर केंद्र से मंजूरी मांगी है. ये पूंजीपतियों के हित में उठाया गया कदम है. इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और केंद्र सरकार को किसी भी रूप में इस बारे स्वीकृति नहीं देनी चाहिए.

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ये हैं मुख्य मांगेः

  • 90 दिन के तसदीक का अधिकार यूनियनों को दिया जाए. तसदीक के अभाव में रद्द किए गए सुविधा फार्मों को बहाल किया जाए.
  • सभी 22 लाख मजदूरों को एकमुश्त 7500 मासिक सहायता अगले 3 माह तक दी जाए. आधार व आनलाईन की बाध्यता समाप्त हो.
  • हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा रजि.1425 का प्रतिनिधि शामिल किया जाए.
  • सभी निर्माण मजदूरों को राशन डिपो से राशन उपलब्ध करवाया जाए.
  • श्रम कानूनों के साथ छेड़छाड़ बंद हो, काम के घंटे बढ़ाने की बजाए कम किए जाएं.
  • बकाया पड़ी सुविधा राशी का बिना किसी शर्त तुरंत भुगतान हो.
  • मनरेगा का काम सभी गांवो में शुरू किया जाए व शहरी मजदूरों को भी इसी तरह से काम दिया जाए. साथ ही 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए.
  • लॉकडाउन के दौरान रद्द किए जा रहे सुविधा फार्मों को बहाल किया जाए. बेमानी शर्ते लगाना बंद किया जाए.
  • जिन जिलों में बी.ओ.सी.डब्ल्यू का कार्यालय नहीं है वहां पर कार्यलय खोला जाए.
  • निर्माण मजदूरों के इलाज का प्रबंध बोर्ड की तरफ से किया जाए.

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