हिसार: केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने उच्च नस्ल के झोटे एम-29 के सात क्लोन कटड़े तैयार किए हैं. इसके साथ ही 2015 में तैयार किए गए क्लोन कटड़े हिसार गौरव के सेल से एक री-क्लोन भी तैयार किया गया है. वैज्ञानिकों की इस बड़ी उपलब्धि के बाद भारत सबसे अधिक संख्या में क्लोन कटड़े बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.
हिसार में सीआईआरबी के निदेशक डॉ. सतबीर सिंह दहिया के अनुसार देश में श्वेत क्रांति के लिए भैंसों का योगदान सबसे अहम है. देश में लगभग 6 करोड़ भैंसों के प्रजजन के लिए उपलब्ध झोटों की संख्या काफी कम है. ऐसे में उच्च नस्ल के झोटों की संख्या बढ़ाने के लिए क्लोनिंग तकनीक काफी क्रांतिकारी साबित होगी. फिलहाल, प्रयोगशाला में क्लोनिंग से तैयार आठ कटड़ों से उनके जीवनकाल में लगभग दस लाख सीमन डोज तैयार की जा सकेगी.
सीआईआरबी में क्लोनिंग टीम के प्रमुख डॉ. प्रेम सिंह यादव ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम में पूरे विश्व में भारत का नाम सबसे आगे है. एक ही झोटे के एक साथ सात क्लोन तैयार करने का कार्य किसी ने नहीं किया है. डॉ. यादव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से किसानों और पशुपालकों को बहुत अधिक फायदा होगा. उच्च नस्ल के झोटों के सीमन से किसान बिना मेल करवाए अपनी भैंसों का प्रजनन करवा सकते हैं.