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अक्षय तृतीया 2023 को लेकर प्रशासन अलर्ट, बाल विवाह में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश

अक्षय तृतीया 2023 के दिन होने वाले विवाह कार्यक्रमों को लेकर हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष ने हिसार में पार्षदों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि इस दिन अवैध तरीके से होने वाले बाल विवाह पर प्रशासन पैनी नजर बनाकर रखें. (Child marriage on Akshaya Tritiya in Haryana)

150 child marriages in 1 year in Haryana
बाल विवाह रोकथाम के लिए हरियाणा में प्रशासन अलर्ट

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Published : Apr 13, 2023, 8:58 PM IST

हिसार: हिंदू धर्म में विवाह, सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ किया जाता है. विवाह की रस्में शुभ मुहूर्त और दिन देखकर ही की जाती है. भारतीय संस्कृति में अक्षय तृतीया-आखा तीज का मुहूर्त बहुत शुभ माना जाता है. इ22 अप्रैल को अक्षय तृतीया 2023 है. शुभ मुहूर्त पर समाज में बड़े स्तर पर सामुदायिक और एकल विवाह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें बाल विवाह भी अधिक संख्या में होते हैं. हिसार में हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन ने पार्षदों के साथ मीटिंग कर उनके एरिया में ऐसी गतिविधि की सूचना देने के लिए कहा गया है.

हरियाणा में 1 साल में 150 बाल विवाह: राज्य में पिछले 1 साल का आंकड़ा देखे तो लगभग 150 बाल विवाह के केस सामने आए हैं, जिनमें सिर्फ 11 जिलों के 118 केस शामिल है. इनमें हिसार, सिरसा, फतेहाबाद के 30-30 और करनाल के 25 केस शामिल हैं. हरियाणा बाल आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने हिसार के पार्षदों के साथ बाल विवाह पर मीटिंग की. पार्षदों से कहा कि उनके एरिया में यदि कोई भी बाल विवाह होता है तो उसके उत्तरदाई वही होंगे. किसी से भी सूचना मिलने पर उसे वेरीफाई किया जाएगा और उसके बाद एफिडेविट दिखाना अनिवार्य होगा कि उनकी उम्र कितनी है.

अक्षय तृतीया पर होगी बड़ी कार्रवाई: जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी बबीता चौधरी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर बड़े पैमाने पर नजर रखी जाएगी कि कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा है. बाल विवाह करते मिलने पर विवाह में शामिल होने वाले सभी लोगों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसमें 2 साल की सजा और ₹1 लाख जुर्माने का प्रावधान है.

इन लोगों पर भी होगी कार्रवाई: बबीता चौधरी ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं. विवाह में शामिल होने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई का नियम है. बबीता चौधरी ने शहरों में नगर पार्षद, गांव के सरपंच और पंच, विवाह करवाने वाले पुजारी, शहर, कस्बों और क्षेत्र के अधिकारियों से आग्रह किया है कि वह अपने स्तर पर बाल विवाह रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए. विवाह से पहले उम्र जांच करें. आयु प्रमाण पत्र अवश्य देखें.

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