हिसार: हरियाणा में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के उम्मीदवार चुनाव आयोग को अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दे रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग ने एक बार फिर से उम्मीदवारों को चुनावी खर्चे का ब्यौरा देने का अवसर दिया है. हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने सभी उम्मीदवारों को 28 फरवरी तक ब्यौरा जमा करवाने के आदेश दिए हैं. चुनाव आयोग ने चुनावी खर्च की जानकारी नहीं देने वाले उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए हैं. इसके बावजूद चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं देने वाले उम्मीदवारों को चुनाव आयोग अयोग्य घोषित करने की प्रकिया शुरू करेगा.
जिला निर्वाचन अधिकारी हिसार ने इस संबंध में पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए हैं. नोटिस में उन्हें खर्च का हिसाब-किताब नहीं देने पर अगले 3 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की चेतावनी दी है. जिला पंचायत विकास अधिकारी हिसार एससी शर्मा ने बताया कि उनकी तरफ से सभी उम्मीदवारों को नोटिस भेज दिए गए हैं. उनके पास 28 फरवरी तक का समय है. यदि खर्च का ब्यौरा नहीं देते हैं, तो चुनाव आयोग के निर्देशानुसार ऐसे उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने की प्रकिया अपनाई जाएगी.
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10 मार्च तक मांगी सूची:राज्य चुनाव आयोग हरियाणा ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि पंच का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार यदि अपने खर्च का ब्यौरा नहीं देते हैं, तो उन पर कार्रवाई अपने स्तर पर करके इसकी रिपोर्ट आयोग को भेजें. इसके साथ ही पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति और जिला परिषद के चुनाव लड़ चुके उम्मीदवार अगर 28 फरवरी तक अपने खर्च का ब्यौरा नहीं देते हैं, तो ऐसे उम्मीदवारों की सूची 10 मार्च तक राज्य चुनाव आयोग को भेज दी जाए.
पहले दिया था 1 माह का समय: चुनाव आयोग ने चुनाव परिणाम जारी होते ही चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों को 1 महीने में चुनावी खर्च का ब्यौरा देने का समय दिया था. लेकिन प्रदेश में बहुत से उम्मीदवारों ने खर्च का ब्यौरा नहीं दिया. हरियाणा में पंचायती चुनाव में सरपंच को 2 लाख, पंच को 50 हजार, ब्लॉक समिति सदस्य को 3 लाख 60 हजार और जिला पार्षद को 6 लाख रुपए तक चुनावी खर्च करने की अनुमति दी गई है.
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चुनाव आयोग ने इस खर्च की मॉनिटरिंग के लिए टीमें बनाई थी. प्रदेश में पंचायत चुनाव तीन चरणों में संपन्न हुए थे. अंतिम फेज में 25 नवंबर को चुनाव संपन्न हुए थे. हिसार में केवल 30 प्रतिशत उम्मीदवारों ने ही अभी तक चुनाव खर्च का ब्यौरा दिया है. जबकि पंचायती चुनावों में जिला परिषद में 243 उम्मीदवार, पंचायत समिति में 871, सरपंच चुनावों में 1 हजार 895 और पंच में 2 हजार 601 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. इसमें से केवल 30 प्रतिशत उम्मीदवारों ने ही चुनावी खर्च का ब्यौरा दिया है.