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हिसार: भवन निर्माण कामगार यूनियन का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन - हिसार भवन निर्माण कामगार यूनियन विरोध प्रदर्शन

हिसार में भवन निर्माण कामगार यूनियन के मजदूरों ने सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. यूनियन सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई थो बड़ां आंदोलन करेंगे.

building workers union protest against the government in hisar
हिसार: भवन निर्माण कामगार यूनियन का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

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Published : Oct 20, 2020, 10:46 PM IST

हिसार: भवन निर्माण कामगार यूनियन के मजदूरों ने मंगलवार को सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा सीटू से संबंधित जिला कमेटी हिसार के आवाहन पर काफी संख्या में मजदूर क्रांतिमान पार्क में इकट्ठा होकर लघु सचिवालय तक गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला प्रधान राजू बरवाला ने कहा कि भवन निर्माण का मजदूर आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. कोरोना काल की वजह से लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों को कई प्रकार की समस्याएं हुई.

हिसार: भवन निर्माण कामगार यूनियन का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

आज भी करोना की वजह से काम धंधे उस प्रकार से नहीं चल पा रहे हैं, जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों के हालात बहुत ही दयनीय है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार मजदूर और किसान विरोधी है जो आए दिन निर्माण मजदूरों के लिए बने श्रम कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं पर भी मनमानी शर्तें थोप रही है.

यूनियन के जिला प्रधान ने कहा कि एक तरफ हरियाणा सरकार कह रही है कि हम निर्माण मजदूरों को 23 प्रकार की सुविधाएं दे रहे हैं, जबकि धरातल पर सुविधाएं देना तो दूर की बात प्रवासी मजदूरों का तो पंजीकरण ही नहीं है, क्योंकि वो 90 दिन के काम की तस्दीक कराने में असमर्थ है. उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगे हैं कि प्रवासी मजदूरों को श्रम कल्याण बोर्ड में ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण किया जाए.

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द से भवन निर्माण कामगार मजदूरों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो जल्द ही हमारी राज्य कमेटी की मीटिंग कर एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी जिसकी जिम्मेवारी हरियाणा सरकार की होगी.

भवन निर्माण कामगार यूनियन की मांगे-

1.सभी जिलों में बोर्ड के कार्यालय खोले जाए व्यापार प्राथमिक तौर पर जिला स्तर पर तथा उसके बाद ब्लॉक स्तर तक स्थाई अधिकारी की नियुक्ति और पक्के कर्मचारी भर्ती किए जाए. बोर्ड के कार्यालय सभी जिलों में नहीं खुले हैं, जिससे मजदूरों को भारी परेशानी आ रही है. बोर्ड से संबंधित कार्यों के लिए उन्हें दूसरे जिलों में जाना पड़ता है.

2. बोर्ड की तरफ से निर्माण मजदूरों के पंजीकरण के लिए 90 दिन के काम तस्दीक के लिए यूनियनों का अधिकार समाप्त करने के फैसले को वापस लिए जाए. निर्माण मजदूर कल्याण कानून में मजदूरों के काम तस्दीक के लिए पंजीकृत यूनियनों को अधिकार दिया गया है, लेकिन राज्य मंत्रिमंडल द्वारा ये अधिकार समाप्त कर दिया गया है. जो कि गैर लोकतांत्रिक है और ट्रेड यूनियन अधिकारों का हनन है, अतः इस फैसले को वापस लिया जाए.

3. बकाया लाभ राशि का तुरंत भुगतान किया जाए.

4. मनरेगा में 200 दिन का काम है जिसके लिए 600 रुपये मजदूरी दी जाए.

5. कल्याण बोर्ड की तरफ से सभी पंजीकृत निर्माण मजदूरों के इलाज का प्रबंध किया जाए. सरकारी कर्मचारी की तर्ज पर सरकारी और सरकार के पैनल के अस्पतालों में पंजीकृत निर्माण मजदूरों का इलाज फ्री किया जाए.

6. बोर्ड की तरफ से आवास की सुविधा के लिए लोन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए.

7. ऑनलाइन कार्य के लिए अटल सेवा केंद्रों की फीस तय की जाए और मनमर्जी से फीस लेने वाले पर कार्रवाई की जाए.

8. सुविधाओं पर बेमानी शर्तों पर रोक लगाई जाए और लाभ देने की समय-सीमा तय की जाए. वर्ष 2018 के रद्द किए गए वजीफा फार्मों को बहाल किए जाए और सिटीजन चार्ट बने बिना विधिवत सूचना के कोई भी सुविधा फार्म रद्द ना किया जाए.

9. कल्याण बोर्ड की कमेटी का गठन किया जाए है. उसमें एक एडवाइजरी कमेटी में सभी मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि शामिल किया जाए. कल्याण बोर्ड की कमेटी और एडवाइजरी कमेटी में सभी मजदूर संगठनों का प्रतिनिधित्व होने के बजाय एक ही संगठन के लोगों को शामिल किया जाता है, जो कि कानून की मूल भावना के खिलाफ है.

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