हिसार: विधानसभा चुनाव में प्रशासन विभिन्न प्रकार के यातायात के लिए निजी वाहनों की सुविधा लेता है. जिसके लिए उन्हें तय राशि दी जाती है. इसके लिए प्रशासन प्राइवेट वाहनों को आवश्यकता और संख्या के आधार पर चयन कर चुनाव से पहले वाहन मालिकों को इस बारे में जानकारी देता है, जिसके बाद वाहन मालिक चुनाव के दौरान अपनी गाड़ियां चुनाव अधिकारियों को चुनाव से संबंधी कार्यों के लिए देते हैं.
चुनाव के लिए हायर करते प्राइवेट वाहन
मामला हिसार के टैक्सी स्टैंड का है जहां चुनाव अधिकारी प्राइवेट वाहनों को चुनाव के लिए हायर करने पहुंचे तो वाहन मालिकों ने अपनी गाड़ियां देने से मना कर दिया. वाहन मालिकों का कहना था कि पिछले लोकसभा चुनाव में जब उन्होंने गाड़ियां दी थी. उसका पैसा उन्हें अभी तक नहीं मिला है और इसके लिए वे लगातार विभागों के चक्कर लगा रहे हैं.
टैक्सी स्टैंड पर खड़ी गाडी का काटा चालान
इसके बावजूद अधिकारियों ने उन्हें कहा कि जल्द ही उनके पैसे उन्हें मिल जाएंगे लेकिन नियमों के अनुसार उन्हें गाड़ियां देनी पड़ेगी. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में काफी देर तक बहस हुई. जिसके बाद अधिकारियों ने टैक्सी स्टैंड पर खड़ी गाड़ियों के चालान काटे जाने का आदेश दे दिए.