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गुरुग्राम में पिछले तीन साल में गिरे तीन पुल, कोई कार्रवाई नहीं ? - gurugram flyover construction

बीते तीन सालों के अंदर गुरुग्राम में तीन बड़े फ्लाईओवर कई बार टूटे हैं, लेकिन इससे ना तो प्रशासन को कोई फर्क पड़ता है और ना ही सरकार को. जब बीते शनिवार को गुरुग्राम-सोहना रोड पर बन रहे निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरा, तो भी किसी को फर्क नहीं पड़ा और 2 मजदूर घायल हो गए.

three flyover collapse in three year in gurugram
three flyover collapse in three year in gurugram

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Published : Aug 25, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 8:12 PM IST

गुरुग्राम: गुरुग्राम जिसे साइबर हब के नाम से भी जाना जाता है. ये वो शहर है जहां दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों के दफ्तर हैं और जाने-माने ब्रैंड्स की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, लेकिन फिर भी इस शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत काफी नाजुक है. बीते तीन सालों के अंदर गुरुग्राम में तीन बड़े फ्लाईओवर कई बार टूटे हैं, लेकिन इससे ना तो प्रशासन को कोई फर्क पड़ता है और ना ही सरकार को. जब बीते शनिवार को गुरुग्राम-सोहना रोड पर बन रहे निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरा, तो भी किसी को फर्क नहीं पड़ा और 2 मजदूर घायल हो गए.

गुरुग्राम का इंफ्रास्ट्रक्चर इतना नाजुक क्यों? देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

गुरुग्राम का रामपुरा फ्लाईओवर 3 बार हुआ क्षतिग्रस्त

गुरुग्राम को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बनाया गया रामपुरा पल तीन बार क्षतिग्रस्त हुआ है. 17 दिसंबर 2018 को पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद 18 जुलाई 2019 को प्लास्टर का एक टुकड़ा पुल के नीचे जा गिरा. इस घटना में हालांकि कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन इसके बाद भी हालात जस के तस रहे.

15 सितंबर 2019 को एक बार फिर पुल क्षतिग्रस्त हो गया. इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश यादव ने मानेसर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. साथ ही निर्माण सामग्री भी जांच के लिए भेजी गई थी. उसकी रिपोर्ट भी आ गई है. वहीं रमेश यादव की मानें तो निर्माण सामग्री की जांच में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता खराब पाई गई है, लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

हीरो होंडा चौक पर बना फ्लाईओवर 2 बार हुआ क्षतिग्रस्त

गुरुग्राम के हीरो हौंडा चौक पर मानसून में जलभराव के कारण साल 2019 में लोगों को महा जाम में फंसे रहना पड़ा था. यहां लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए ये पुल बनाया गया. नवंबर 2018 में पुल का निर्माण शुरू हुआ और 3 महीने में ही क्षतिग्रस्त होना शुरू हो गया था.

पहली बार जनवरी 2019 में पुल क्षतिग्रस्त हुआ था. मरम्मत कराने के बाद एक बार फिर 8 मई 2019 को पुल क्षतिग्रस्त हो गया. पुल का एक हिस्सा नीचे गिर गया था. जिसकी मरम्मत कराने से पहले आईआईटी रुड़की और दिल्ली के इंजीनियरों ने पुल का अल्ट्रासाउंड किया था. उसके बाद 15 मीटर के हिस्से को तोड़कर दोबारा बनाया गया. इस मामले पर भी आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश यादव ने गुरुग्राम सेक्टर-37 थाने में ठेकेदार समेत एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया, लेकिन वहां भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पटौदी में पुल हुआ था क्षतिग्रस्त

गुरुग्राम के पटौदी में पड़ने वाले गांव पहाड़ी में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया गया पुल 7 मार्च को क्षतिग्रस्त हो गया था. आईआईटी दिल्ली की टीम ने जांच के दौरान पुल के डिजाइन में खामी पाई, लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

साइबर सिटी गुरुग्राम प्रदेश की आर्थिक राजधानी है. सरकार को सबसे ज्यादा रेवेन्यू गुरुग्राम से जाता है, लेकिन उसके बावजूद सवाल ये उठता है कि क्यों विकास के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. ? क्यों ऐसी कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है, जो खराब सामग्री इस्तेमाल करके इन फ्लाईओवर का निर्माण करती हैं ?

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Last Updated : Aug 25, 2020, 8:12 PM IST

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