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Friendship Day पर हरियाणा में नई सियासी दोस्ती की शुरूआत, ओपी चौटाला से बिहार के सीएम की मुलाकात - नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार

आज फ्रेंडशिप-डे (Friendship Day) पर हरियाणा में नई दोस्ती की शुरूआत हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने गुरुग्राम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात (OP Chautala met Nitish Kumar) की है.

Third Front Formation Haryana
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Published : Aug 1, 2021, 3:48 PM IST

गुरुग्राम: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Chief Minister Bihar) ने इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला (OP Chautala Haryana Ex CM) से मुलाकात (OP Chautala met Nitish Kumar) की है. इस मुलाका में तीसरे मोर्चे समेत विभिन्न राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई है. इससे पहले भी ओम प्रकाश चौटाला आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा मोर्चा (National Level Third Front) बनाने का ऐलान कर चुके हैं.

27 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला (OP Chautala Former Chief Minister Haryana) ने कहा था कि 25 सितंबर को स्वर्गीय चौधरी देवीलाल का जन्मदिन है. इससे पहले वो राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे मोर्चे का गठन करेंगे. इसके लिए वो आने वाले दिनों में सभी प्रदेशों में जाएंगे और मुख्य विपक्षी दलों से संपर्क भी करेंगे. इसी के तहत उन्होंने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर विस्तार से चर्चा की.

ओपी चौैटाला और नीतीश कुमार की मुलाकात गुरुग्राम में हुई है.

हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला एक बार फिर तीसरे मोर्चे के गठन के प्रयास में लगे हैं. इसके लिए वो प्रकाश सिंह बादल, शरद पवार, ममता बनर्जी और मुलायम सिंह यादव जैसे दिग्गज नेताओं से मुलाकात करेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बसपा सुप्रीमो मायावती को भी चौटाला तीसरे मोर्चे से जोड़ना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला, 1 अगस्त को बिहार सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात

चौटाला भले ही तीसरे मोर्चे की गठन की बात कह रहे हों, जानकारों का मानना है कि उस मोर्चे का हरियाणा में कोई प्रभाव पड़ेगा, ऐसी संभावनाएं दूर-दूर तक नहीं दिखतीं. कारण ये कि जिन दलों को एक छतरी के नीचे लाने की बात चौटाला कह रहे हैं, वे सब क्षेत्रीय दल हैं और अपने-अपने प्रदेशों तक ही सीमित हैं. चौटाला के अपने दल का हरियाणा में आधार अवश्य है, लेकिन उनको अन्य किसी दल को साथ लेने से कोई लाभ नहीं होगा, वो जो कुछ भी हरियाणा में हासिल करेंगे अपने जनाधार से ही कर पाएंगे.

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