गुरुग्राम: जिले में लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल के रख दी है. स्वाइन फ्लू ने पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए शहर भर में अपना प्रकोप बनाया हुआ है. गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग एक तरफ स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लाख दावे करता है, तो दूसरी तरफ स्वाइन फ्लू लगातार अपने पैर पसार रहा है.
आपको बता दें कि पिछले पांच साल के आंकड़ों के बीच गुरुग्राम में अभी तक 71 मामलों की शिनाख्त हो चुकी है. ये आंकड़ा पिछले कई सालों से लगातर बढ़ा है. आपको यह जानकर बेहद अफसोस होगा कि स्वाइन फ्लू का ये आंकड़ा तो सरकारी है. इससे कहीं ज्यादा मामले प्राइवेट अस्पतालों में हैं, जिनकी जानकारी विभाग के पास मौजूद ही नहीं है. स्वाइन फ्लू के चलते ही 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं संदिग्धों की संख्या सैंकड़ों में है. शायद यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूले हुए हैं.
सामान्य अस्पताल, गुरुग्राम के सीएमओ बीके रजौरा ने मीडियाकर्मयों के सवालो के जवाब देते हुए बताया कि बीते कुछ सालों से स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्य में लगाता इजाफा हो रहा है. उन्होंने बताया कि 5 साल में 71 कंफर्म केस आ चुके हैं. साथ ही अन्य जिलों व प्रदेशों से भी 47 मरीज इलाज के लिए अब तक सामान्य अस्पताल का रुख कर चुके हैं. लिहाजा कुल-मिलाकर ऐसे 118 मामले सामने आ चुके हैं. यही नहीं, जबकि 5 लोगों की मौत भी स्वाइन फ्लू के कारण हो चुकी हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आकंड़ों में संदिग्ध मामलों की संख्या 268 हो चुकी है.
बहरहाल स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तमाम मुहिम और अभियान चलाए हुए हैं, लेकिन लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामले स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल भी उठाते हैं. फिलहाल लोगों को इसके प्रति जागरुक और सावधान रहने की जरुरत है. बदलते मौसम में इस बीमारी के फैलने की संभावना और भी ज्यादा बढ़ जाती है. इसलिए बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह लें और उबला पानी ही पिया जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा. यही एक तरह से इसका प्राथमिक इलाज है.